टीम इंडिया के तीन बदकिस्मत क्रिकेटर्स ऐसे हैं, जिन्हें भारतीय क्रिकेट टीम को मैच जितवाना भी भारी पड़ गया है. ये तीन क्रिकेटर्स टीम इंडिया में तगड़ी राजनीति का शिकार हुए हैं. बता दें कि ‘मैन ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड जीतने के बाद भी टीम इंडिया के इन तीन खिलाड़ियों को अगले ही मैच से ड्रॉप कर दिया गया. टीम इंडिया में ऐसे चौंकाने वाले फैसलों के बाद कई दिग्गजों ने भी सवाल खड़े किए हैं कि आखिर क्यों ‘मैन ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड जीतने के बावजूद इन क्रिकेटर्स को टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया. आइए एक नजर डालते हैं इन 3 खिलाड़ियों पर:

1. कुलदीप यादव
टीम इंडिया के ‘चाइनामैन’ स्पिनर कुलदीप यादव टीम इंडिया में राजनीति के लेटेस्ट शिकार हैं. कुलदीप यादव को हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड दिया गया था. कुलदीप यादव ने इस मैच में कुल 8 विकेट झटके थे और पहली पारी में उपयोगी 40 रन बनाए थे, जिससे भारत को बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट मैच 188 रनों से जीतने में मदद मिली थी. इसके बाद अगले ही मैच में कुलदीप यादव को बाहर कर दिया गया. बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में कुलदीप यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और उनकी जगह प्लेइंग इलेवन में जयदेव उनादकट को शामिल कर लिया गया. क्रिकेट के तमाम दिग्गजों से लेकर फैंस ने भी भारतीय टीम मैनेजमेंट के इस फैसले पर सवाल उठाए थे.
2. अमित मिश्रा
टीम इंडिया के धाकड़ लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने अपना आखिरी वनडे मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 29 अक्टूबर 2016 को विशाखापत्तनम में खेला था. अमित मिश्रा ने उस मैच में अपनी गेंदबाजी से कहर मचाते हुए 6 ओवर में 18 रन देकर 5 विकेट झटके थे और इस दौरान उनका बॉलिंग इकोनॉमी रेट 3.00 का रहा था. अमित मिश्रा ने अपने इस कहर मचाने वाले प्रदर्शन से इस मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड भी जीता था, लेकिन इस वनडे मैच के बाद वह फिर कभी टीम इंडिया के लिए इस फॉर्मेट में खेलते नजर नहीं आए. टीम इंडिया की अंदरूनी राजनीति का शिकार होकर अमित मिश्रा का वनडे करियर यहीं खत्म हो गया था.
3. भुवनेश्वर कुमार
टीम इंडिया के खतरनाक स्विंग तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग टेस्ट मैच में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे थे, लेकिन इसके बाद उनका टेस्ट करियर लगभग खत्म हो गया. भुवनेश्वर कुमार को इसके बाद फिर कभी भारत की टेस्ट टीम में मौका नहीं मिला. टेस्ट क्रिकेट में भुवनेश्वर कुमार टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत थे. भुवनेश्वर कुमार गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराकर विकेट्स हासिल करते थे और जरूरत पड़ने पर बल्ले से भी बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम को मुश्किल हालात से निकालते थे. भुवनेश्वर कुमार ने साल 2018 में अपने आखिरी टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में 63 रन बनाए थे और 4 बड़े विकेट्स भी झटके थे.
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