रायपुर 03 जनवरी।छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने प्रशिक्षण के मामलों में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर विभागीय मंत्री को पूर्ववर्ती रमन सरकार से लेकर अब तक के प्रशिक्षण के मामलों की जांच के निर्देश दिए हैं।
अध्यक्ष डा.महंत ने आज प्रश्नोत्तरकाल में यह निर्देश दिया।इससे पूर्व भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने जांजगीर चापा जिले के लाइवलीहुड कालेज को डीएमएफ फंड से 18 करोड़ 23 लाख रूपए का भुगतान कर 17814 लोगो को प्रशिक्षण दिए जाने का मामला उठाते हुए इसमें भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।उन्होने कहा कि कई ऐसे प्रशिक्षण दर्शाये गये है जोकि समझ से परे है।वरिष्ठ भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि फर्जी ढ़ग से प्रशिक्षण दर्शा कर राशि आहरित की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि प्रशिक्षण के नाम पर जिला खनिज फंड(डीएमएफ)की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है।जांजगीर चापा जिले में गत 29 एवं 30 जून को 30 करोड़ रूपए की राशि आहरित कर ली गई।भाजपा सदस्य अजय चन्द्राकर एवं अन्य सदस्यों ने भी इसमें भष्टाचार के आरोप लगाए।
मंत्री उमेश पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री बनने के बाद जब उन्होने इस विभाग का दायित्व संभाला था तो पांच जगहों का आकस्मिक रूप से चयन का जब वहां निरीक्षण किया तो प्रशिक्षण तो छोडिए वहां कमरा तक नही था।उन्होने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ।इसके बाद दोनो तरफ जोरदार कहासुनी होने लगी।
अध्यक्ष ने सदस्यों से शान्त रहने का अनुरोध किया और कहा कि मंत्री को वह जांच का निर्देश दे रहे है।उन्होने मंत्री को पिछले पांच साल और इस पांच साल के प्रशिक्षण के मामलों की जांच के निर्देश दिए।भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि डीएमएफ के पैसे से हुए प्रशिक्षण की विशेष रूप से जांच होनी चाहिए इसमे सर्वाधिक धन की बंटरबांट हुई है।