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विधानसभा से राज्य के विकास का होता है रास्ता सुनिश्चित-राज्यपाल उइके

रायपुर, 04 जनवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सशक्त विधायिका को जनहित, विकास और सुशासन का आधार स्तंभ बताते हुए कहा कि विधानसभा के माध्यम से ही राज्य का विकास प्रशस्त होता हैं।

    सुश्री उइके आज देर शाम छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा आयोजित ’’उत्कृष्टता अलंकरण समारोह’’ को सम्बोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किया।सुश्री उइके ने इस अवसर पर उत्कृष्ट विधायकों, उत्कृष्ट संसदीय पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। समारोह की अध्यक्षता विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने की तथा अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम उपस्थित थे।

     राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं उनके सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिये अनेक नीतियों का निर्माण करती है। यह एक विधि निर्माता संस्था के रूप में कार्य करते हुए , कार्यपालिका के कार्यों पर सतत् रूप से निगरानी भी रखती है। राज्यपाल ने कहा कि देश या राज्य की निरंतर प्रगति और विकास के संदर्भ में सत्तापक्ष और विपक्ष का दृष्टिकोण एक होना चाहिए। आपसी समझ और परस्पर विश्वास की नींव के आधार पर ही जनकल्याण का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। राज्यपाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारी विधानसभा में दोनों पक्षों के मध्य विभिन्न मुद्दों को लेकर समय-समय पर सार्थक चर्चा हो रही है और जनहित से संबधित विषयों पर मिलकर नीतियां बनाई जाती हैं। इसी प्रकार सभी को मिलकर प्रदेश की जनता के हित, उनके अधिकारों एवं विकास के लिए सतत रूप से प्रयासों को जारी रखना होगा।

     उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी सदस्यों पर इस बात की महती जिम्मेदारी होती है कि ऐसी परिपाटियों का निर्माण करें, जो लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने तथा भावी पीढ़ी के पथप्रदर्शन में सहायक हो। राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि  छत्तीसगढ़ विधान सभा ने अपनी लघु संसदीय यात्रा में, संसदीय परंपराओं के श्रेष्ठ कीर्तिमानों को स्पर्श करते हुए, एक विशिष्ट मुकाम हासिल किया है। उच्च संसदीय परम्पराओं और प्रक्रियाओं के परिपालन में यह विधानसभा, अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करने में सफल रही है।

      राज्यपाल ने अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी डा.चरणदास मंहत के चार वर्ष का कार्य काल पूर्ण होने पर शुभकामनाएं दी और निर्बाध रूप से सदन के संचालन के लिए उनके कार्यशैली की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री को दादा बनने पर शुभकामनाएं दी तथा नवआगंतुक के स्वस्थ व खुशहाल जीवन की कामना की।साथ ही राज्यपाल ने नवनिर्वाचित विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम को भी बधाई दी।

     राज्यपाल ने इस मौके पर वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट ई-बजट के रूप में प्रस्तुत किये जाने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे पेपरलेस प्रणाली को अपनाने की दिशा में इसे विधानसभा की अच्छी पहल बताया।राज्यपाल ने उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार सम्मान दिए जाने की भी सराहना की और कहा कि मीडिया, शासन और जनता के बीच सेतु के रूप में है। यह दोनों के बीच संवाद कायम करने का कार्य करता है। शासन को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह नागरिकों की समस्याओं से शासन को परिचित कराता है। उन्होंने मीडिया के बढ़ते प्रभाव को उल्लेख करते हुए कहा कि समाज में मीडिया महत्ता एवं उपयोगिता में वृद्धि हुई है। पत्रकार जितने सजग रहकर जन सरोकार के मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे, उतनी ही विधायिका की धार तेज होगी।

       विधानसभा अध्यक्ष डॉ.महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विधान सभा ने अपने गठन के साथ ही नई संसदीय परम्पराओं को स्थापित करने में सफलता पाई है।उन्होने कहा कि आप सभी के सहयोग से ही ये संभव हो पाया है कि मैं आपकी सेवा कर पाया हूं।इस दौरान पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों का पूरा सहयोग रहा।इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अपनी उत्कृष्टता को साबित करना एवं कार्य के लिए सम्मान मिलना जीवन की बड़ी उपलब्धि होती है और ये सम्मान विधानसभा में मिले तो ये बहुत बड़ी बात है।