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बेटियों को वीरता के क्षेत्र में दिया जाएगा माता बहादुर कलारिन पुरस्कार-भूपेश

बालोद 15 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माता बहादुर कलारिन के नाम पर वीरता पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए कहा कि कलार समाज ही नहीं, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ को उनकी अदम्य वीरता पर नाज है।

   श्री बघेल आज बालोद जिले के कलंगपुर में कलार समाज के प्रांतीय महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होने कहा कि महुआ बोर्ड के गठन के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस बोर्ड का अध्यक्ष कलार समाज से बनाया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मकर संक्रांति पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले कलार समाज के प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया।

    श्री बघेल ने कहा कि प्रत्येक समाज का रीति-रिवाज, परम्परा एवं संविधान होता है। उन्होंने कहा कि समाज की परम्परायें जो वर्तमान में सामयिक एवं उचित नही है। उन्हें समाप्त करने का कार्य भी समाज को ही करना होगा। श्री बघेल ने कहा कि मेरे और बालोद जिलेवासियों के बीच अटूट रिश्ता एवं असीम अनुराग है, जिसके फलस्वरूप बहुत ही कम अंतराल में लगातार बालोद जिले में मेरा आगमन हो रहा है।

    मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक लोककल्याणकारी कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ गरीबों की जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं के जरिए बड़ी संख्या में ग्रामीणजन लाभान्वित हो रहे हैं। 

    उन्होने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने हेतु गौठानों में विभिन्न आजीविकामूलक कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। हमारी माताएं, बहनें गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, दीया निर्माण, जैविक कीटनाशक निर्माण आदि विभिन्न स्वरोजगारमूलक कार्यों का सम्पादन सफलतापूर्वक कर रहीं है।इसके साथ-साथ अब गौठानों में प्राकृतिक पेंट का भी निर्माण किया जा रहा है।