रायपुर 15 जनवरी।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) को कांग्रेस सुरक्षा कानून करार दिया हैं।
डा.सिंह ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ में इसे गत एक जनवरी से लागू किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा 1980 में सत्ता में आने पर लागू किए गए रासुका के प्रावधान लोकतंत्र विरोधी है।उन्होने आरोप लगाया कि राज्य में धर्मान्तरण की गतिविधियों को रोकने के लिए आदिवासियों के आन्दोलन तथा कर्मचारियों के चल रहे आन्दोलन को कुचलने के लिए इस कानून को लागू किया गया है।डा.सिंह ने इसे राज्य में आपातकाल लागू करने की साजिश तक करार दिया।
उन्होने भूपेश सरकार पर तुष्टीकरण एवं धर्मान्तरण के एजेन्डे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने धर्मान्तरण के पक्ष में अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर रासुका लागू किया है।उन्होने कहा कि क्या ऐसी परिस्थिति थी कि राज्य में रासुका लागू करने की जरूरत पड़ी,इस बारे में जानकारी देने के लिए भूपेश सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।उन्होने रासुका को एक जनवरी से लागू करने तथा 12 जनवरी तक इसे गोपनीय रखने का भी आरोप लगाया।
राज्य में आदिवासी अंचलों में सर्वाधिक चर्च भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल में बनने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोपो के बारे पूछे जाने पर उन्होने सीधी टिप्पणी से बचते हुए कहा कि उनके शासनकाल में नारायणपुर जैसी घटनाएं नही हुई।ऐसी स्थिति पहले नही थी।उन्होने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि धर्मान्तरण एक सामाजिक मुद्दा है और इसको रोकना राजनीतिक दल का काम नही है।यह काम समाज का है।वह लोगो को जागरूक कर इसे रोक सकता है।