रायपुर 23 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विधानसभा में उनकी सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव हाल ही में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आम चुनावों में उसे मिली करारी हार मिली है।इस हार से उपजी खीज मिटाने उसके द्वारा छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
उन्होने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव दरअसल कांग्रेस द्वारा विगत 14 वर्षों में भाजपा सरकार के खिलाफ उठाए गए पुराने और अप्रासंगिक हो चुके मुद्दों की ही कॉपी-पेस्टिंग है। विधानसभा में आज कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में रिकार्ड 21 घण्टे तक चली चर्चा के बाद अविश्वास प्रस्ताव 38 के मुकाबले 48 मतों से ध्वस्त हो गया।
डॉ.सिंह ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई मैराथन चर्चा के बाद अपने जवाब में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। डॉ. सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ की जनता ने विगत 14 वर्षों में विधानसभा के तीन आम चुनावों में वर्ष 2003, वर्ष 2008 और वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया है। जनता के विश्वास की बदौलत ही भाजपा विगत चौदह वर्षों से सरकार में है और जनता की सेवा करते हुए राज्य को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जा रही है, जबकि प्रदेश की जनता ने इस दौरान तीनों विधानसभा चुनावों में और लोकसभा के आम चुनावों में भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पर अविश्वास प्रकट करते हुए उसे खारिज कर दिया है।
उऩ्होने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में इतना लचर और कमजोर अविश्वास प्रस्ताव कभी नहीं देखा। अविश्वास प्रस्ताव में जिन 168 बिन्दुओं को और 16 उप बिन्दुओं को कांग्रेस ने शामिल किया है, वे ऐसे मुद्दे है, जिन्हें वह वर्ष 2003, 2008 और 2013 की विधानसभा में भी प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण और स्थगन आदि के जरिए उठा चुकी है और सरकार की ओर से सदन में उनके जवाब भी दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने इस बार के अविश्वास प्रस्ताव में भी इन्हीं पुराने मुद्दों को कॉपी-पेस्ट करते हुए दोहराया है। डॉ. सिंह ने कहा-अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के खिलाफ जो आरोप पत्र दिया गया है, वह बेबुनियाद है और झूठ का पुलिन्दा है। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले को भी अविश्वास प्रस्ताव के आरोप पत्र में डाल दिया गया है और कई मुद्दे तो ऐसे डाले गए है, जो अदालतों में खारिज हो चुके हैं। इससे यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गंभीर नहीं है।
उन्होने कहा कि देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की जनता ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के रूप में मिले एक सुदृढ़ विकल्प पर भरोसा जताया है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचण्ड विजय के बाद देश के 18 राज्यों में चुनाव हुए, जिनमें से सिर्फ एक राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। अब केन्द्र तथा 19 राज्यों में भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार बन चुकी है। वर्ष 2017 में भाजपा ने पूरे देश में सात में से छह चुनाव में 940 में से 550 सीटें जीती और जबकि कांग्रेस ने 237 सीटें। इस प्रकार श्री मोदी और श्री अमित शाह ने जिस कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था, वह न केवल साकार हो रहा है, बल्कि देश अब कांग्रेस विलुप्त भारत की ओर बढ़ रहा है। उसकी हालत दयनीय हो गई है। लगभग 121 करोड़ की आबादी के भारत में आज 70 प्रतिशत जनता का प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी कर रही है।
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