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तीन साल से अप्रारंभ निर्माण कार्य होंगे निरस्त – अमर

रायपुर 27 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अमर अग्रवाल ने निकायों में तीन साल से ज्यादा अवधि के उन निर्माण कार्यों को जो अब तक शुरू नहीं किए जा सके हैं, उन्हें निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।

श्री अग्रवाल ने शहरी विकास के कार्यों की समीक्षा के क्रम में दूसरे दिन आज यहां प्रदेश के सभी 111 नगर पंचायतों के काम-काज की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्माण कार्यों के टेण्डर स्वीकृति के तत्काल बाद कार्यादेश जारी किए जाने चाहिए।उन्होंने सभी निकायों को अपने सीए के साथ बैठकर निकाय की आत्मनिर्भरता और आमदनी के साधन बढ़ाने के सुझाव दिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि बुनियादी नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि मुहैया कराई गई है। लगभग दो से 4 करोड़ की राशि अभी भी निकायों में जमा हैं। इनका प्राथमिकता के साथ उपयोग सुनिश्चित किए जाने चाहिए।

उन्होने टेण्डर स्वीकृत होने के उपरांत भी कार्यादेश जारी होने में कुछ नगरीय निकायों में काफी विलंब होने की जानकारी मिलने पर पर नाराजगी प्रकट की और ऐसे अधिकारियों को भविष्य के लिए चेतावनी दी। उन्होंने नए स्वीकृत कार्यों के टेण्डर भी 15 जनवरी तक अनिवार्य तौर से जारी करने के निर्देश दिए हैं।मिशन क्लीन सिटी योजना के अंतर्गत आमतौर पर सभी नगर पंचायतों में अच्छे काम हुए हैं। कई नगर पंचायतों ने तो सूखे और गीले कचरे को खाद में बदलकर आमदनी भी लेनी शुरू कर दी है।मंत्री ने ऐसे नगर पंचायतों की सराहना की।

श्री अग्रवाल ने कहा कि सम्पति कर की वसूली से ही नगरीय निकाय की उदासीनता का पता चलता है।अधिकतर नगर पंचायतों में 20 प्रतिशत के आस-पास ही सम्पति कर की वसूली अब तक हो सकी है।मंत्री ने दस फीसदी से कम सम्पति कर वसूलने वाले नगरीय निकायों के सीएमओ और राजस्व अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है।अनेक नगरीय निकायों मे दुकानों के आवंटन में आई अड़चनों का निराकरण भी संबंधित सीए के साथ मिलकर करने को कहा है।

श्री अग्रवाल ने सरकारी काम में लापरवाही और मुख्यालय में निवास नहीं करने के चलते कोरिया जिले के झगराखण्ड नगर पंचायत के सीएमओ और सब इंजीनियर तथा रामानुजगंज के सब इंजीनियर के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी संचालक को दिए हैं।