 रायपुर 30 दिसम्बर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ आज डिजिटल क्रांति के नये युग में प्रवेश कर रहा है।भारत नेट परियोजना के द्वितीय चरण के लिए हो रहे समझौते से नये युग की आधुनिक तकनीकी का लाभ दूरस्थ अंचल के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना संभव हो सकेगा।
रायपुर 30 दिसम्बर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ आज डिजिटल क्रांति के नये युग में प्रवेश कर रहा है।भारत नेट परियोजना के द्वितीय चरण के लिए हो रहे समझौते से नये युग की आधुनिक तकनीकी का लाभ दूरस्थ अंचल के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना संभव हो सकेगा।
डा.सिंह आज यहां भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच हुए एमओयू के मौके पर विचार व्यक्त कर रहे थे।इससे पूर्व उनके तथा केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की मौजूदगी में भारत नेट परियोजना के द्वितीय चरण के लिए हुए एमओयू पर केन्द्र सरकार की ओर से भारत नेट परियोजना से संबंधित यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के प्रशासक संजय सिंह और राज्य सरकार की ओर से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव संजय शुक्ला ने हस्ताक्षर किए।
उन्होने कहा कि भारत नेट परियोजना के जरिए गांवों और शहरों के बीच डिजिटल दूरी कम करने के लिए छत्तीसगढ़ के 85 विकासखण्डों की पांच हजार 987 ग्राम पंचायतों को लगभग 1624 करोड़ रुपए की लागत से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में लगभग चार हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल नेटवर्क से जोड़ने का काम चल रहा है।इस अवसर पर रायपुर के सांसद रमेश बैस, प्रदेश के मुख्य सचिव विवेक ढांड, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डा.सिंह ने कहा कि आज पिछड़े समझे जाने वाले अबूझमाड़ के ग्रामीणों की भी विकास की प्राथमिकताएं बदल गई हैं।वहां ग्रामीण सड़क, स्कूल, अस्पताल के साथ अब बेहतर मोबाईल कनेक्टिविटी की मांग करने लगे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए लगभग 3400 करोड़ रुपए की लागत की तीन परियोजनाओं बस्तर नेट, भारत नेट और संचार क्रांति योजना (स्काई) पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन तीनों परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद उपलब्ध होने वाली कनेक्टिविटी का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना जल्द बनाने की जरुरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा सपना है कि राजधानी रायपुर से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में वीडियो कांफ्रेंसिग की सुविधा संभव हो सके।इस दिशा में यह परियोजना प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज इंफारमेशन हाईवे विकास का सबसे बड़ा मानक है। रिंग पद्धति की अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर ग्राम पंचायतों तक बेहतर कनेक्टिविटी देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 1830 करोड़ रूपए की लागत से 1028 मोबाइल टॉवरों की स्थापना की स्वीकृति भी केन्द्र द्वारा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि आज आर्थिक स्थिति के स्थान पर व्यक्ति का ऑनलाईन या ऑफलाईन रहने का आंकलन ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्यों के सहयोग से लागू की जा रही भारत नेट परियोजना केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच सहकारी संघवाद का अच्छा उदाहरण है और छत्तीसगढ़ इसमें सबसे आगे है। उन्होंने बताया कि भारतनेट परियोजना के दूसरी चरण के लिए देश के आठ राज्यों के साथ अनुबंध किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ द्वारा किया जा रहा अनुबंध देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वोत्तम है। उन्होंने बताया कि भारत नेट परियोजना कनेक्टिविटी विस्तार की दुनिया की सबसे बड़ी योजना है, जिसमें उपयोग की जा रही वस्तुएं और उपकरण स्वदेशी हैं
उन्होंने बताया कि दुनिया के साथ भारत में भी 5 जी नेटवर्क आएगा। श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. सिंह वैज्ञानिक सोच के साथ छत्तीसगढ़ को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ. रमन सिंह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को छत्तीसगढ़ की धरती में साकार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा की गई मांग के अनुरूप अगले एक वर्ष में पोस्ट ऑफिस प्रारंभ कर दिए जाएंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने इस अवसर पर बताया कि भारत नेट परियोजना के प्रथम चरण में राज्य की चार हजार ग्राम पंचायतों तक कनेक्टिविटी पहुंचा दी गई है।परियोजना के द्वितीय चरण में छह हजार ग्राम पंचायतों को आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा बस्तर संभाग के जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बस्तर नेट परियोजना लागू की जा रही है, जिसमें लगभग 80 करोड़ रूपए की लागत से 836 किलोमीटर आप्टिकल फाइबर बिछाया जाएगा।
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