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छत्तीसगढ़ का तीसरा राष्ट्रीय कृषि मेला 24 जनवरी से

रायपुर 02 जनवरी।छत्तीसगढ़ का तीसरा राष्ट्रीय कृषि मेला 24 जनवरी से 28 जनवरी तक राजधानी के नजदीक जोरा में लगेगा।मेले की तैयारियां आज से शुरू हो गई है।

कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज कृषि मेला ग्राउंड में तैयारियों का औपचारिक शुभारंभ करने के बाद बताया कि छत्तीसगढ़ का तीसरा कृषि मेला पिछले दो मेलों से कुछ अलग रहेगा। इस साल मेले में आने वाले किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक के साथ-साथ खेती-किसानी के तौर तरीकों की लाइव प्रदर्शनी देखने को मिलेगी।

उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले में प्रदेश के एक लाख से अधिक किसानों को आमंत्रित किया गया है।इनमें खेती किसानी के अलावा उद्यानिकी, पशुपालन तथा मछली पालन से जुड़े किसान शामिल होंगे। किसानों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को दी गई है। कृषि विभाग और उससे जुड़े सभी विभागों और प्रकल्पों द्वारा भव्य प्रदर्शनी लगायी जाएगी। मेले में किसानों की पाठशाला का विशेष आकर्षण रहेगा। पाठशाला में किसान पांचो दिन विषय विशेषज्ञों से रूबरू चर्चा कर कृषि के उन्नत तरीकों की जानकारी लेंगे और अपनी समस्याओं का समाधान पाएंगे।

श्री अग्रवाल ने बताया कि तीसरा राष्ट्रीय कृषि मेले का थीम प्रति बूंद – अधिक फसल हैं। मेले में कृषि संचालनालय, उद्यानिकी संचालनालय, पशुधन विकास संचालनालय, मछलीपालन संचालनालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ कामधेनू विश्वविद्यालय, राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (समेती) छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम, राज्य मंडी बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ, एकीकृत जल ग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद की सहभागिता रहेगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि मेले में प्रति बूंद-अधिक फसल, किसानों की दोगुनी आय, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पशुधन संवर्धन, मछलीपालन, मिट्टी स्वास्थ्य एवं मिट्टी परीक्षण, छत्तीसगढ़ में पीली क्रांति तिलहन उत्पादन, सब्जियों का उत्पादन एवं मूल्यसंवर्धन तथा समन्वित कृषि प्रणाली पर परिचर्चा और जीवंत प्रदर्शनी लगेगी। इनके अलावा खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, कृषि आधारित लघु उद्यम, कृषि एवं उद्यानिकी में यंत्रीकरण, समन्वित पौध प्रबंधन, जैविक खेती, छत्तीसगढ़ में द्विफसली विस्तार, फल-फूलों की उन्नत खेती तथा पशु एवं मछलीपालन प्रबंधन पर भी परिचर्चा होगी और प्रदर्शनी लगायी जाएगी।