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सर्गेई लावरोव से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की मुलाकात…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में जी-20 बैठक के मौके पर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच में द्विपक्षीय सहयोग, यूक्रेन संघर्ष और जी-20 से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बता दें कि रूस के विदेश मंत्री जी-20
के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार रात को यहां पहुंचे थे। यूक्रेन में संघर्ष को लेकर रूस के पश्चिमी देशों से बढ़ते टकराव के बीच बैठक हो रही है।

जयशंकर ने लावरोव से की मुलाकात

जयशंकर ने ट्वीट किया कि जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव के साथ विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग और जी-20 से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई होगी। सर्गेई लावरोव की भारत यात्रा के मौके पर रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि मॉस्को जी-20 को दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रतिष्ठित मंच मानता है, जहां पर सभी के हितों में संतुलित और आम-सहमति से फैसले होने चाहिए। एक बयान में कहा कि हम बहुस्तरीय लोकतंत्र में विश्वास बहाल करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंटने से रोकने के लिए संगठित करने वाले एजेंडे को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता के लिए जी-20 की भारत की अध्यक्षता का समर्थन करते हैं। बयान में कहा गया कि मॉस्को भारत की घोषित प्राथमिकताओं की प्रासंगिकता को साझा करता है जिनमें समावेशी और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में प्रगति में तेजी लाना, बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार और डिजिटल आधुनिकीकरण शामिल हैं।

भारत के प्रयासों का रूस ने किया समर्थन

बयान ने कहा गया कि हम कार्य प्रणालियों को मजबूत करने और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने तथा स्टार्टअप शुरू करने के लिए विशिष्ट प्रक्रियाओं पर अमल करने के भारत के प्रयासों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन सभी क्षेत्रों में प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए हमारे भारतीय सहयोगियों के साथ काम करना चाहते हैं। साथ ही हम रूस के मौलिक हितों की मजबूती से रक्षा करेंगे। बयान में कहा गया कि विदेश मंत्रियों की नियमित बैठक के दौरान हम वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में मौजूदा गंभीर समस्याओं के कारणों के बारे में दृढ़ता और खुले तौर पर बात करेंगे।