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गुरू रूद्रकुमार के विभागों से संबंधित 1578 करोड़ रूपये से अधिक की अनुदान मांगे पारित

रायपुर, 21 मार्च।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार के विभागों से संबंधित 01 हजार 578 करोड़ 35 लाख 61 हजार रुपए की अनुदान मांगें आज विधानसभा मे सर्वसम्मति से पारित कर दी गई है।

अनुदान मांगों में लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के लिए 1433 करोड़ 66 लाख 32 हजार रुपये और ग्रामोद्योग विभाग के लिए 144 करोड़ 69 लाख 29 हजार रुपये शामिल है।

मंत्री गुरू रुद्रकुमार ने अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार मिनीमाता अमृतधारा नल योजना प्रारंभ की है। योजना के तहत 73 हजार 584 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

उऩ्होने कहा कि प्रदेश में 02 लाख 61 हजार से अधिक हैंड पंपों के माध्यम से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विभाग ने प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में 168 नगरीय निकाय हैं। नगरीय क्षेत्रों में नलकूप खनन के लिए 03 करोड़ 14 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

मंत्री ने कहा कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बेहतर प्रबंधन किए जा रहे हैं। 45 हजार 796 स्कूलों में पेयजल व्यवस्था का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 43 हजार 933 शासकीय शालाओं में रनिंग वॉटर के जरिए पेयजल की व्यवस्था की गई है। इस तरह प्रदेश के 95 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। इसके लिए बजट में 3 करोड़ 15 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह आंगनबाड़ियों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में 91 प्रतिशत और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 98 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल कर ली गई है। इस तरह 45 हजार 732 आंगनबाड़ी, प्राथमिक और उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में पेयजल की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है, वहीं 41 हजार 669 आंगनबाड़ी एवं 5 हजार 243 स्वास्थ्य केन्द्रों में रनिंग वॉटर से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए 3 करोड़ 33 लाख रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि विभाग द्वारा जल की गुणवत्ता जांच की दिशा में भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 71 जल परीक्षण प्रयोगशाला में संचालित हैं। राज्य स्तर पर एक, जिला स्तर पर 28, विकासखंड स्तर पर 24 और 18 चलित जल परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल हैं। राज्य स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशाला में हेवी मेटल्स के परीक्षण की सुविधा भी उपलब्ध है, वहीं 1 राज्य स्तरीय एवं 25 जिला स्तरीय तथा 11 उपखण्डीय जल परीक्षण प्रयोगशालाएं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है।

उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ग्रामोद्योग विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्रामोद्योग के अंतर्गत रेशम, हाथ करघा, हस्तशिल्प विकास बोर्ड, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं माटीकला बोर्ड के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में हितग्राही उत्थान मूलक योजनाएं संचालित की जा रही है। इस वर्ष 4 लाख 15 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। आगामी कार्य योजना में इससे भी अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। बुनकरों हस्तशिल्पियों, माटीशिल्पियों एवं रेशम प्रभाग के माध्यम से आजीविका संवर्धन एवं रोजगार सृजन हेतु ग्रामोद्योग के लिए 144 करोड़ 69 लाख 29 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।

अनुदान मांगों पर श्री धरमलाल कौशिक, श्री आशीष छाबड़ा, श्री शिवरतन शर्मा, श्री रजनीश सिंह, श्री भुनेश्वर बघेल, श्री अजय चन्द्राकर, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, श्री सौरभ सिंह, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव और श्री नारायण चंदेल ने हिस्सा लिया।