
रायपुर, 22 मार्च।छत्तीसगढ़ विधानसभा में मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक आज पारित हो गया।इस विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह प्रभावी हो जायेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा और छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन है,आज छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक-2023 न केवल विधानसभा में प्रस्तुत हुआ, बल्कि पारित भी हुआ है। हमारे पत्रकार साथी जो अपनी जान जोखिम में डालकर, अंदरूनी क्षेत्रों में जाकर खबर लाते हैं।
उन्होने कहा कि ऐसे में जितने भी हमारे पत्रकार हैं, चाहे वे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के हों, चाहे प्रिंट मीडिया के हों, चाहे पोर्टल के हों। सभी साथियों के जो ऑफिस में काम करते हैं और वो भी जो गांव में काम करते हैं, जिनका अधिमान्यता पत्र नहीं है उनका रजिस्ट्रेशन करने का, अगर प्रेस कहता है कि वो हमारे साथ हैं और जो लगातार छह महीने के अंदर उसमें तीन लेख लिखे हों या स्टोरी की हो, ऐसे लोगों को छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा कानून के दायरे में लाया गया है, ताकि उनकी सुरक्षा हो सके। यदि कोई शासकीय कर्मचारी उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो उनकी शिकायत के लिए समिति बनी है। समिति को अधिकार संपन्न बनाया गया है।
श्री बघेल ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अफताब आलम की अध्यक्षता में एक प्रारूप समिति बनी थी, जिसके सदस्य न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती अंजना प्रकाश जी, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजूराम चन्द्रन, वरिष्ठ पत्रकार स्व.ललित सुरजन, प्रकाश दुबे जी, मेरे सलाहकार रूचिर गर्ग जी, महाधिवक्ता, विधि विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक सभी इसके सदस्य थे। इस समिति ने अनेक बैठकें राज्य में और दिल्ली में करके विभिन्न संगठनों से चर्चा करके इसका प्रारूप बनाया और उसके बाद इसके प्रारूप को विभाग को सौंपा गया, विभाग द्वारा लंबा विचार-विमर्श करके इसको विधेयक का रूप दिया गया।
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