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गांधी नेहरू परिवार का बस्तर से रिश्ता – भूपेश

जगदलपुर 13 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी नेहरू परिवार का बस्तर से रिश्ता रहा है।

श्री बघेल ने आज आदिवासी बहुल बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित भरोसे का सम्मेलन में कहा कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने यहां के आदिवासियों को जमीन का पट्टा दिया था जिसे रमन सिंह की सरकार ने छीन लिया. इसके बाद राहुल गांधी ने वापस दिलाया है।उन्होने कहा कि 15 साल भाजपा की सरकार रही. बस्तर के बाहर छत्तीसगढ़ के जो लोग हैं, वे बस्तर आने से डरते थे। छत्तीसगढ़ के बाहर के लोग छत्तीसगढ़ आने से डरते थे, क्योंकि नक्सलियों की इतनी दहशत थी कोई आने के लिए तैयार नहीं था।यहां एनएच के पांच किलोमीटर दाएं-बाएं में ही सरकार थी. बाकी में नक्सली थे।

उन्होने कहा कि बस्तर के लोगों पर एक तरफ नक्सलियों का दबाव था, दूसरी तरफ पुलिस का डर. दोनों तरफ से गोलियां चलती थीं और सीना हमारे आदिवासियों का होता था. कितने निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल में ठूंस दिया गया. स्कूलें बंद, इलाज की व्यवस्था नहीं, रोजगार नहीं था. आदिवासियों के रोजगार के साधनों में से एक महुआ को सड़क में फेंकना पड़ा था।राहुल गांधी ने चुनाव के आखिरी दिन आचार संहिता समाप्त होने से एक घंटे पहले इसी मंच पर आए थे. लाखों लोग उस कार्यक्रम में आए थे. बस्तर के आदिवासियों, किसानों, मजदूरों को विश्वास दिलाया था. बस्तर के लोगों के जल, जंगल, जमीन का अधिकार वापस करेंगे. बस्तर के आदिवासियों ने विश्वास व्यक्त किया. 12 के 12 विधायक, सांसद, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस के हैं. लोगों ने बड़ा विश्वास व्यक्त किया, भरोसा किया।

श्री बघेल ने कहा कि इन चार साढ़े चार सालों में जो काम हुआ है. गांधी नेहरू परिवार का बस्तर से जो रिश्ता रहा है, उसके आधार पर किया है।पंडित जवाहरलाल नेहरू 13 मार्च 1955 को बस्तर आए थे।आदिवासी सम्मेलन किया था. इंदिरा जी ने आदिवासियों को पट्टा दिया था. भाजपा ने आदिवासियों की जमीन छीन ली थी. 50 हजार हेक्टेयर जमीन छीनने का काम किया. राहुल जी ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पारित करवाया था. आदिवासियों की जमीन सरकारों ने छीनने का काम किया. कांग्रेस ने लोहांडीगुड़ा में 4200 एकड़ जमीन वापस करने का काम किया. इंदिरा जी ने दिया रमन सिंह ने छीना और राहुल जी ने वापस किया।

उन्होने कहा कि जल, जंगल, जमीन के अधिकार देने का काम, लाखों परिवार को वन अधिकार पट्टा देने का काम राज्य सरकार ने किया. लघु वनोपज में अधिकार दिया. जहां बंदूक की गोलियां सुनाई देती थीं, आज वहां गीत सुनाई देता है. विकास के रास्ते पर चल पड़े हैं. यहां के नौजवानों को रोजगार दिया।दंतेवाड़ा के अंदर कभी कोई जा नहीं सकता था।आज दंतेवाड़ा के अंदरूनी गांव में डेनेक्स हमने खोला है. 800 से अधिक लड़कियां काम कर रही हैं. 2500 रुपए में धान खरीदा. केंद्र ने अड़ंगा लगाया समर्थन मूल्य से ज्यादा में धान खरीदा तो चावल नहीं लेंगे. कोरोना काल के बाद भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना का पैसा जा रहा है।15 क्विंटल के बजाय 20 क्विंटल धान खरीद रहे हैं. ये जो सम्मेलन है वह भरोसे का सम्मेलन है।उन्होने पूछा कि भरोसा है कि नहीं है?

श्री बघेल ने कहा, आदिवासियों, किसानों, मजदूरों, माताओं बहनों के भरोसे का सम्मेलन बस्तर और छत्तीसगढ़ के भरोसे का सम्मेलन है. एक तो दंतेश्वरी माई, दूसरा बस्तर का दशहरा और आदिवासियों की संस्कृति, से बस्तर की पहचान है. हमने जूते चप्पल कपड़े बांटने का काम नहीं किया, बल्कि आदिवासियों की जेब में पैसे डालने का काम किया ताकि आप अपनी पसंद से खरीद सकें. कोई कमीशन नहीं. डेढ़ लाख करोड़ बांटने का काम किया है. कभी किसी सरकार ने इतना नहीं दिया है. कांग्रेस की सरकार हर वर्ग की सरकार है. आज बस्तर में शांति लौटी है. 1300 से अधिक आदिवासी जो बंद थे, उन्हें रिहा किया गया है.

इस दौरान श्री बघेल ने बस्तर संभाग मुख्यालय में महिला सहकारी बैंक खोलने का ऐलान किया. बैंक का नाम इंदिरा गांधी महिला सहकारी बैंक होगा. इसी तरह कई कॉलेजों के नामकरण का ऐलान किया. प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधकों के वेतन पर बड़ा ऐलान किया. इंटरनेशनल स्तर के हॉकी ग्राउंड का ऐलान किया।उन्होने कहा कि इस ग्राउंड में इतनी बड़ी भीड़ कभी नहीं आई थी. महाराष्ट्र से गाड़ियां मंगाए हैं, तब भी कमी पड़ गई थी।