राजिम (गरियाबन्द) 01 फरवरी। छत्तीसगढ़ में तीन नदियों के संगम पर आयोजित होने वाला राजिम कुंभ मेला कल से शुरू हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने कुंभ मेले का शुभारंभ करते हुए कहा कि तीर्थ नगरी राजिम के महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के संगम पर माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक विगत 13 वर्षों से आयोजित हो रहे राजिम कुंभ मेले से छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया है। इस महत्वपूर्ण आयोजन से छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी है।
उन्होने कहा कि साधु-संतों, महात्माओं और महामण्डलेश्वरों के पावन सानिध्य में राजिम कुंभ मेले की शुरूआत हुई है। संत-महात्माओं के आशीर्वाद से राजिम कुंभ मेले की प्रतिष्ठा साल-दर साल बढ़ती जा रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्धशाली संस्कृति में राजिम कुंभ की नई परम्परा भी जुड़ गई है। भगवान श्री राम के ननिहाल की इस पावन भूमि की महिमा की भव्यता बढ़ गई है।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मेले में आए सभी साधु-संतों का स्वागत करते हुए कहा कि राजिम कुंभ मेला तेरहवें वर्ष में प्रवेश कर गया है।यह हम सबका सौभाग्य है कि शंकराचार्यों, महामंडलेश्वरों और साधु-संतों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से राजिम कुंभ मेले का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। मेले के दौरान संगम पर भव्य आरती की जाती है, इससे हरिद्वार और बनारस की गंगा आरती की यादे ताजा हो जाती है।
धर्मस्व मंत्री ने कहा कि राजिम कुंभ मेले के इतिहास में इस साल दो नये आयाम जुड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता के नाम पर ढाई लाख दीये जलाये जाएंगे। उसके साथ ही एक साथ एक स्वर में 1500 शंख बजाए जाएंगे। यह अदभुत दृश्य होगा। उन्होंने बताया कि तीन फरवरी को नदियों को बचाने तथा संरक्षित करने मैराथन दौड़ भी होगी।
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