नई दिल्ली 20 जुलाई।संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मणिपुर हिंसा के मामले पर हंगामें को लेकर आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में पहले स्थगन के बाद कार्यवाही दो बजे फिर शुरू होने पर पीठासीन अधिकारी ने मणिपुर में हिंसा सहित विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा पेश किये गये स्थगन प्रस्तावों को अनुमति देने से इंकार कर दिया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है। इसे संवेदनशील मुद्दा बताते हुए श्री जोशी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह इसका जवाब देंगे। उन्होंने सदन के सुचारू संचालन के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाने हैं।
सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस, डी.एम.के., जनता दल यूनाइटेड तथा अन्य दलों के सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचों बीच आ गये। पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से सदन चलाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने नारेबाजी जारी रखी। बाद में सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में दूसरे स्थगन के बाद दो बजे कार्यवाही फिर शुरू होने पर सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सिनेमेटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। इसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए नियम 267 के अंतर्गत चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि मणिपुर में स्थिति सामान्य नहीं है और महिलाओं के उत्पीड़न की खबरें मिल रही हैं।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, वामदल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दल के सदस्यों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। सभापति जगदीप धनखड ने सदन को चलाने का आग्रह किया लेकिन हंगामा जारी रहा। बाद में सदन को दिनभर के लिए स्थगित करना पडा।