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रायपुर 22 जुलाई।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर सदैव जनहित एवं जनकल्याण के लिए कार्य करें।
श्री हरिचंदन ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा आयोजित ‘‘उत्कृष्टता अलंकरण समारोह‘‘ और पंचम विधानसभा के विधायकों के लिए आयोजित विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक मजबूत विधायिका जनहित, विकास और सुशासन का आधार स्तंभ है। निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को जनता की सेवा करने का सर्वोत्तम अवसर मिलता है, उन पर राज्य और नागरिकों के हित में काम करने की भी जिम्मेदारी है। इसी प्रकार मीडिया विधायिका, कार्यपालिका और नागरिकों के बीच सेतु का काम करता है।
उन्होंने खुशी जाहिर किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की गिनती देश की सर्वश्रेष्ठ विधानसभाओं में होती है। विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जो सामंजस्य और सम्मान का भाव है, वो निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।उन्होने विधानसभा में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से कामकाज संचालन को अभिनव पहल बताया और कहा कि पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन ,ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभीर मुद्दो पर और ज्यादा कार्य करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि विधानसभा के गत पांच साल का कार्यकाल बहुत चुनौती पूर्ण रहा,लेकिन सत्तापक्ष और विपक्ष ने मिलकर छत्तीसगढ़ के विकास के लिए काम किया। इस विधानसभा ने विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। कोविड महामारी के दौरान भी विधानसभा की कार्यवाही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जारी रही। गत 23 वर्ष के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अनेक स्वस्थ परंपराओं व नियमों को स्थापित किया गया है।विधानसभा ने विकास के अनेक सोपान गढ़े हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में विधानसभा में संसदीय मूल्यों को संरक्षित रखते हुए छत्तीसगढ़ की श्रेष्ठता के लिए बेहतर कार्य किया। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा में 18 प्रतिशत महिला विधायक है। विधानसभा के सभी सदस्यों ने जनसेवा को अपना ध्येय माना और संसदीय दायित्वों को बखूबी पूरा करने में योगदान दिया है। सभी सदस्यों ने संसदीय आचार, व्यवहार और संस्कृति को सीखा और मजबूती प्रदान की। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। आभार प्रदर्शन संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा किया गया।राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियो को स्मृति चिन्ह भेंट किया। राज्यपाल को भी विधानसभा द्वारा सम्मानित किया गया।