नई दिल्ली 30 जुलाई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस से पहले ही शहीदों के सम्मान में मेरी माटी मेरा देश अभियान शुरू किया जाएगा।
श्री मोदी ने आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के दौरान कई कार्यक्रम शहीदों की स्मृति में किये जायेंगे और लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी स्थापित किये जायेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी माटी मेरा देशअभियान के अंतर्गत देशभर में अमृत कलश यात्राआयोजित की जायेगी। यह यात्रा देश के कोने-कोने से साढ़े सात हजार कलशों में मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचेगी। यात्रा के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे भी लाये जायेंगे।
उन्होने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारकके पास अमृत वाटिका बनायी जायेगी जिसमें साढे सात हजार कलशों में देशभर से लाई गई मिट्टी और छोटे पौधों का उपयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह वाटिका एक भारत श्रेष्ठ भारतका भव्य प्रतीक बनेगी। श्री मोदी ने कहा कि मेरी माटी मेरा देश अभियान में शामिल होकर देश अमृतकाल के अगले 25 वर्षों के लिए पंचप्राण यानी पांच संकल्पों को पूरा करने की शपथ भी लेगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संगीत कार्यक्रमों और बाइक रैलियों के जरिए नशीले पदार्थों के विरूद्ध लोगों को जागरूक बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री मोदी ने चंडीगढ़ की चर्चा भी की जहां नशीले पदार्थों के विरुद्ध जागरूकता के लिए वादा नाम से क्लब चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में ऐसे कई खेल समूह बनाये गये हैं जहां फिटनेस पर जोर दिया जा रहा है और नशा मुक्ति अभियान चलाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इन अभियानों में युवाओं की भागीदारी को बहुत उत्साहवर्धक बताया। उन्होंने कहा कि नशा-मुक्त भारत अभियानकी शुरुआत 15 अगस्त 20 को की गई थी। इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को नशीले पदार्थों से दूर रखना था। श्री मोदी ने बताया कि अब तक इस अभियान से 11 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं।
श्री मोदी ने कहा कि दो सप्ताह पहले एक बड़ी कार्रवाई के तहत, जब्त किये गये डेढ़ लाख किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत ने दस लाख किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट कर एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। इन नशीले पदार्थों की कीमत 12 हजार करोड़ रूपये से अधिक थी।
उन्होने कहा कि मानसून के दौरान बीते कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण परेशानियों का चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यमुना सहित कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों के लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं और देश के पश्चिमी हिस्से में चक्रवात बिपरजॉय भी आया है। उन्होने कहा कि इन आपदाओं के बीच देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवानों और स्थानीय प्रशासन ने दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है।