
नई दिल्ली 05 अगस्त।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुस्तकालयों का विकास समाज और संस्कृति के विकास से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सभ्यता और संस्कृति की प्रगति का पैमाना भी होता है।
राष्ट्रपति ने आज यहां प्रगति मैदान में पुस्तकालय महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि पुस्तकालयों का विकास समाज और संस्कृति के विकास से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सभ्यता और संस्कृति की प्रगति का पैमाना भी होता है।उन्होने कहा कि पुस्तकालय विकसित सभ्यताओं के बीच सेतु का काम करते रहे हैं।उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिजीकरण के प्रयास बेहद महत्वपूर्ण हैं।
उन्होने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग के कारण अब पुस्तकालय अधिक सुलभ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक डिजिटल लाइब्रेरी के स्वपन को साकार करने के लिए राष्ट्रीय वर्चुअल लाइब्रेरी का विकास किया जा रहा है।
दो दिन के इस महोत्सव में दुनियाभर के प्रसिद्ध पुस्तकालयों की विशेषताओं को दर्शाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत में पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिजीकरण पर चर्चा की शुरुआत करना है।
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