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बेंगलुरू 23 अगस्त।भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज इतिहास रचा है। चन्द्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने आज चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अपना कदम रखा। इसी के साथ भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश हो गया है।
चन्द्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से चन्द्रमा के लिए रवाना हुआ था। 43 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद आज चन्द्रयान-3 का लैंडर विक्रम पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर धीरे-धीरे उतरा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो को इस सफलता के लिए बधाई दी है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों की अपार सफलता के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वीडियो संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इसे देश के लिए गौरवमयी ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफलता पूरी मानवता के लिए है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने अपने पारंपरिक उच्च ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोडकर मानवता की सेवा में लगाया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसे भारत के लिए ऐतिहासिक पल बताया और कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान में यह भारत की बडी छलांग है। उन्होंने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरना भारत की वैज्ञानिक मेधाशक्ति और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। श्री खरगे ने कहा कि चन्द्रयान-3 के सफलता प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है।