रायपुर 03 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार संयंत्र के निजीकरण नही करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्पष्ट आश्वासन नही दिया।
श्री बघेल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह प्रधानमंत्री से इस संयंत्र के शुभारंभ के मौके पर इसके निजीकरण नही करने का स्पष्ट आश्वासन चाहते थे,लेकिन उऩ्होने इधर उधर की बाते की लेकिन इस पर कुछ नही बोला। इसी मांग को लेकर कांग्रेस ने आज बस्तर बंद भी बुलाया।उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने ही नही बल्कि पूर्ववर्ती रमन सरकार ने भी पत्र लिखा था कि संयंत्र का निजीकरण नही होना चाहिए।श्री बघेल ने कहा कि इस संयंत्र को एनएमडीसी नही चला सकता तो सेल को सौंपा जाना चाहिए।
उन्होने प्रधानमंत्री मोदी के छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ने और राजस्थान के साथ उसकी प्रतिस्पर्धा के आरोप के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मणिपुर के बारे में नही बोलते जहां डबल इंजन की सरकार है,और हिंसा का वहां कई महीने से ताड़व चल रहा है। राज्य में 15 वर्ष की भाजपा की सरकार के समय से बहुत बेहतर कानून व्यवस्था है।बस्तर में 15 वर्षों में कितने आदिवासी नक्सल बताकर जेल में ठूस दिए गए,और कितने मार दिए गए।
श्री मोदी के पीएचसी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों पर भाजपा की सत्ता में आने पर कड़ी कार्रवाई की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पहले तो वर्षा डोगरे के उच्चतम न्यायालय के दिए निर्णय पर तो वह कार्रवाई करे।उन्होने तंज कसा कि मोदी ने 2014 में धमतरी की सभा में सरकार बनने पर 15 दिन के भीतर झीरम के आरोपियों पर कार्रवाई का वादा किया था,उसका क्या हुआ।उन्होने फिर राज्य में यात्री ट्रेने लगातार रद्द होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मालगाडियां चलना और यात्री ट्रेने रद्द कहां की व्यवस्था है।