नई दिल्ली 20 मार्च।ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के जानेमाने कवि केदारनाथ सिंह का लम्बी बीमारी के बाद कल यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
श्री सिंह को 1989 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2013 में ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया।वह हिंदी के ऐसे चुनिंदा कवियों में रहे, जिनकी रचनाओं का दुनिया की तमाम भाषाओं में अनुवाद हुआ।उनकी कविता में एक ओर ग्रामीण जनजीवन की सहज लय बसी, तो दूसरी ओर महानगरी संस्कृति के बढ़ते असर से लोगों की पारम्परिक संवेदना में आ रहे बदलाव भी रेखांकित हुए। आम आदमी के सरोकारों से जुड़ी उनकी कविताओं में गांव और शहर के बीच खड़े आदमी के जीवन में उपजे विरोधाभास को अपूर्व तरीके से व्यक्त किया गया है।
उनकी प्रमुख कृतियों में अभी बिल्कुल, यहां से देखो, अकाल में सारस और सृष्टि का पहरा शामिल हैं।