प्रदेश में हजारों योग प्रशिक्षक हैं, जो प्रशिक्षण लेने के बाद बेरोजगार घूम रहे हैं। अब इनकी नियुक्ति का रास्ता खुला है। आने वाले समय में सरकार योग प्रशिक्षकों को विद्यालय स्तर तक नियुक्त कर सकती है, इसकी आस जगी है।
प्रदेश के 119 राजकीय महाविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों में 123 योग प्रशिक्षकों की तैनाती की जाएगी। महाविद्यालयों में योग प्रशिक्षकों को संविदा पर अस्थायी रूप से 11 माह के लिए तैनात किया जाएगा। इस दौरान उन्हें 300 रुपये प्रतिदिन या 18 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
इस संबंध में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में योग प्रशिक्षु लंबे समय से नियुक्ति की मांग कर रहे थे। इसके बाद विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की ओर से निर्देश जारी किए गए थे। प्रदेश में हजारों योग प्रशिक्षक हैं, जो प्रशिक्षण लेने के बाद बेरोजगार घूम रहे हैं। अब इनकी नियुक्ति का रास्ता खुला है।
आने वाले समय में सरकार योग प्रशिक्षकों को विद्यालय स्तर तक नियुक्त कर सकती है, इसकी आस जगी है। फिलहाल 123 योग प्रशिक्षकों को संविदा पर भर्ती किया जाएगा। इनसे महाविद्यालयों में प्राचार्य अथवा कुलसचिव की ओर से निर्धारित समय में न्यूनतम तीन घंटे लिया जाएगा।
योग प्रशिक्षक महाविद्यालयों के अलावा आसपास के राजकीय एवं निजी विद्यालयों में भी योग का प्रचार-प्रसार करेंगे। योग प्रशिक्षक बनने के लिए न्यूनतम अर्हता भी लागू की गई है। इसके लिए किसी मान्यता प्राप्त विवि से योग, योग विज्ञान, योग चिकित्सा या योग शिक्षा में पीजी या एक वर्षीय डिप्लोमा या समकक्ष उपाधि होनी जरूरी है। इसके अलावा योग शिक्षा में अध्यापन व प्रशिक्षण का दो वर्ष का अनुभव होना चाहिए। 11 माह की अवधि पूरी होने पर पुन: विज्ञापन के माध्यम से नई तैनाती की जाएगी, जिसमें पहले से कार्यरत योग प्रशिक्षकों को वरियता दी जाएगी।