नई दिल्ली 22 अप्रैल।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में कमाई और रहन-सहन के तौर-तरीके बदल रहे हैं इसलिए बुनियादी क्षमताओं को मुख्यधारा की आर्थिक व्यवस्था से जोड़ने की आवश्यकता है।
श्री मोदी ने आज नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सांसदों और विधायकों से चर्चा में यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कौशल विकास पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।उन्होने कहा कि प्रत्येक विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम एक गांव का विकास कार्य अपने हाथ में लेना चाहिए।
उन्होने कहा कि..पहले तो हमारे विधायकों ने, हमारे एमपीज ने कोई न कोई ऐसे अस्पताल के साथ सेवा के साथ अपने आपको जोड़ देना चाहिए। दूसरा प्रधानमंत्री जन औषधि योजना, जो दवाई सौ रूपये में मिलती है, प्रधानमंत्री जन औषधि में वो दवाई 18, 20, 22, 25 रूपये में मिल जाती है। गरीब का 70 प्रतिशत पैसा बचेगा..।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार गांवों के लिए स्वास्थ्य केन्द्र खोलना चाहती है ताकि लोगों को इलाज की सुविधाएं मिल सकें।उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों की शिक्षा, युवाओं के लिए अवसरों और बुजुर्गों के लिए इलाज पर अधिक ध्यान दे रही है।उन्होने कहा कि..हम चाहते है 8, 10 गांवों के बीच में एक अच्छा वेलनेस सेन्टर हो, डेवलपमेंट हो, टैक्नोलॉजी के द्वारा उसका उपायोग हो। बड़े-बड़े डॉक्टरों से उसका एवाइव मिले। 2022 तक हम देश में डेढ़ लाख से ज्यादा पंचायतों में वेलनेस सेन्टर बनाने का बड़ा अभियान चलाने वाले हैं..।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव का विकास केवल सरकार का काम नहीं है बल्कि इसके लिए लोगों को भी अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक होने की जरूरत है।उन्होने कहा कि कई किसान खेती-बाड़ी से जुड़े तथ्यों और योजनाओं से परिचित नहीं हैं और उन्हें शिक्षित करने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने सांसदों-विधायकों से गांवों में खेती की नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से ग्राम स्वराज अभियान के में अपनी पूरी ऊर्जा लगाने की अपील की।