
रायपुर, 10 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीसा बंदियों को आश्वस्त किया हैं कि उनकी सम्मान राशि की बहाली के लिए छत्तीसगढ़ सरकार करेगी।
श्री साय ने लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा आज यहां आयोजित प्रांतीय परिवार सम्मेलन और सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पहल मैंने मीसा बंदियों के तकलीफों को बहुत करीब से देखा है। उनके संघर्ष और पीड़ा को मैंने महसूस किया है।आपातकाल के दौरान मेरे बड़े पिताजी स्व.नरहरि साय भी 19 महीने तक जेल में रहे। उन्होने कहा कि सरकार मीसाबंदियों की सम्मान राशि की बहाली के लिए पहल करेगी। सम्मेलन में प्रदेश भर से आए मीसा बंदी और उनके परिजनों ने अपनी आपबीती भी साझा की।
उन्होने आपातकाल के समय का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानी जब जेल जाते थे तो उस परिवार की स्थिति बड़ी पीड़ादायक हो जाती थी। इन परिवारों के सामने आजीविका का संकट हो जाता था। मीसा बंदियों के साथ हमारी सरकार न्याय करेगी। पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार ने मीसाबंदियों के लिए सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी। हम मीसाबंदियों के लिए बेहतर कार्य करेंगे।
राज्यसभा सांसद और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए संघर्ष की बात जब भी आएगी, तब इन लोकतंत्र के प्रहरी मीसा बंदियों के संघर्षों से प्रेरणा ली जाएगी। इन्होंने लोकशाही के लिए लड़ाई लड़ी। यह भारत के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण है। कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी संबोधित किया।
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