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एस.सी.ओ. क्षेत्र में पड़ोसी देशों के साथ संपर्क भारत की प्राथमिकता – मोदी

चिनदाओ(चीन) 10 जून।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एस.सी.ओ.)की बैठक में कहा कि पड़ोसी देशों के साथ सुरक्षा और सम्‍पर्क सुविधा बेहद महत्‍वपूर्ण हैं।

श्री मोदी ने शिखर सम्‍मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए आज अंग्रेजी के शब्‍द सिक्‍योर की नई परिभाषा भी दी।उऩ्होने कहा कि..एस से मेरा मतलब है सिक्‍योरिटी ऑफ अवर सिटिजन्स। ई से मेरा मतलब है इक्‍नामिक डेवलपमेंट फॉर ऑल, सी से कनेक्‍टिंग रिजन, यू से यूनाइटेड ऑफ पीपुल्, आर से रिस्‍पेक्‍ट फॉर सॉवरेनिटी एंड इंटिग्रिटी, ई से इन्‍वॉयरमेंट प्रोटेक्‍शन। मैं मानता हूं कि इन दिशाओं में सार्थक सहयोग से ही हमारा एससीओ सही मायनों में सेफ एंड कनेक्‍टेड आर्गनाइजेशन बन सकेगा..।

श्री मोदी ने अफगानिस्तान को आतंकवाद के प्रभाव का एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण बताया।उन्होने कहा कि..मैं आशा करता हूं कि राष्‍ट्रपति गनी ने जिस भावना से शांति के लिए एक बार फिर से साहसिक कदम उठाए हैं उस भावना का सम्‍मान सभी पक्ष करेंगे। हम सबकी यह जिम्‍मेदारी है कि विगत में जिन कारणों से अफगानिस्‍तान की एकता, अखंडता, संप्रभुता, विविधता और लोकतंत्र पर आंच आई है उन्‍हें न दोहराया जाए..।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2026 में एससीओ की 26वीं वर्षगांठ की रूपरेखा तय करने की अपील की। श्री मोदी ने कहा कि एस.सी.ओ. क्षेत्र में पड़ोसी देशों के साथ संपर्क भारत की प्राथमिकता है।उन्होने कहा कि..हम ऐसे नए कनेक्‍टीविटी प्रोजेक्‍ट का स्‍वागत करते हैं जो समावेशी, सस्‍टेनेबल और पारदर्शी हो और जो देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्‍मान करे..।

श्री मोदी ने कहा कि एस.सी.ओ. के सदस्य देशों में से भारत में केवल छह प्रतिशत विदेशी पर्यटक आते हैं और साझा संस्कृति के प्रति जागरुकता बढ़ाकर इस संख्या को आसानी से दोगुना किया जा सकता है।