
गुवाहाटी 15 जून।असम, त्रिपुरा और मणिपुर में कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।त्रिपुरा में आज तीसरे दिन भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
कल रात से कई नदियों का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।गृह मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमान से उत्तर प्रदेश से 20 नौकाओं के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवानों को भेजा है।सेना और अर्धसैनिक बल के जवान राहत कार्यों में जुटे हैं। प्रभावित इलाकों में 80 चिकित्सा दल भेजे गए हैं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपलब कुमार देब ने वर्षा और बाढ़ से मरने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री कार्यालय से मदद मांगी है।उन्होने कहा कि..गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दो दो बार फोन से बात हुई है, पीएमओ में बात हुई है, सब व्यवस्था की है। एनडीआरएफ के नौजवान और बोट बाकी सब लेकर कल रात को यहां पहुंच गए..।
श्री देब ने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में प्रभावित लोगों को पीने का पानी, खाना और दवाईयां प्रदान करने के लिए एक मेडिकल टीम बनाई गई हैं।असम में बराक घाटी में बाढ़ से कोई राहत नहीं है।करीमगंज और हैलाकांडी जिले सबसे अधिक प्रभावित है। करीब एक लाख सत्तर हजार लोग बाढ की चपेट में हैं। 35 हजार लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
उधर, मणिपुर में अलग-अलग घटनाओं में दो लोग उफनती नदियों में डूब गए। बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए 15 राहत शिविर बनाए गए हैं।
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