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छत्तीसगढ़ के विकास के बिना देश के विकास की कल्पना नहीं- कोविन्द

जगदलपुर 26 जुलाई।राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि बस्तर के विकास के बिना छत्तीसगढ़ के विकास की और छत्तीसगढ़ के विकास के बिना भारत के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।

श्री कोविन्द आज यहां स्वर्गीय बलिराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 170 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित पांच सौ बिस्तरों वाले विशाल अस्पताल भवन का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा यह अस्पताल भवन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक प्रमुख केन्द्र बनेगा। न केवल छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए चिकित्सा शिक्षा और सेवा का एक उच्चतर मानक स्थापित करेगा।

श्री कोविन्द ने इस अवसर पर राज्य के 50 लाख लोगों को निःशुल्क स्मार्ट फोन देने के लिए राज्य सरकार की संचार क्रांति योजना का भी शुभारंभ किया। जनसभा में इसका उल्लेख करते हुए श्री कोविन्द ने कहा कि राज्य में 45 लाख महिलाओं और पांच लाख युवाओं को स्मार्ट फोन देने और बड़ी तादाद में मोबाइल टावर लगाने की राज्य सरकार की यह योजना इस क्षेत्र के विकास को एक नया आयाम देगी। यहां की आदिवासी महिलाएं और युवा मोबाइल बैंकिंग के साथ-साथ केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा मोबाइल फोन के जरिये दी जा रही अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस योजना में स्मार्ट फोन और मोबाइल टावर की सुविधाओं से कनेक्टिविटी की दृष्टि से बस्तर और बेंगलुरू के बीच का अंतर समाप्त कर देने की क्षमता है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि देश के ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में भी धीरे-धीरे आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही है। श्री कोविन्द  ने प्रतीक स्वरूप कुछ हितग्राहियों को मोबाइल फोन देकर शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा बस्तर और आसपास के क्षेत्रों से मैं भलीभांति परिचित हूं। लगभग  पन्द्रह-सोलह वर्ष पहले मैं वरिष्ठ आदिवासी नेता श्री बलिराम कश्यप के आमंत्रण पर बस्तर आया था। तब और आज के बस्तर में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है।उन्होने कहा कि आज और कल के दो दिन के प्रवास के दौरान मुझे एक बदलता हुआ बस्तर देखने को मिला, जहां आज विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज है, अच्छी सड़कें है, इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटि है और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। साथ ही अब यहां रेल और नियमित हवाई सेवा भी उपलब्ध हो गई है।

राष्ट्रपति ने देशवासियों का आव्हान किया कि वे साल में कम से कम एक या दो  दिन प्रकृति की गोद में रहने वाले आदिवासी भाई-बहनों के बीच बिताएं, उनके दुःख दर्द को समझें और उनके जीवन को बेहतर बनाने का भरसक प्रयास करें। ऐसा प्रयास करने वाले हमारे देशवासियों को आनंद और संतोष का अनुभव होगा।साथ ही उन्हें आदिवासी भाई-बहनों से, प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर जीवन जीने की उनकी कला को सीखने का अवसर मिलेगा।

श्री कोविन्द ने कहा कि देशवासी अगर ऐसा कर सकें, तो उन्हें आदिवासियों की जीवन शैली और प्रकृति के साथ जुड़कर जीवन जीने की उनकी कला को देखने और समझने का भी अवसर मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा – देश की आत्मा गांवों में बसती है। यदि हम देश की जड़ों से परिचित होना चाहते हैं, तो हमें गांवों को भी देखना होगा।

श्री कोविन्द ने जनसभा में प्रदेशवासियों को राष्ट्रपति भवन आने का भी न्यौता दिया। उन्होंने जनता से कहा- राष्ट्रपति भवन सिर्फ राष्ट्रपति का निवास या कार्यालय भर नहीं है, बल्कि वह  हमारे लोकतंत्र का प्रतीक और देश की धरोहर है। इसलिए राष्ट्रपति भवन पर प्रत्येक भारतीय नागरिक का अधिकार है। वह आप सबका भी भवन है। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि आप नागरिक दिल्ली आएं तो राष्ट्रपति भवन भी जरूर पधारें।

राष्ट्रपति ने देश के कुछ हिस्सों में नक्सलवाद से भ्रमित होकर कुछ लोगों द्वारा हिंसा और भय का वातावरण उत्पन्न करने के प्रयासों का भी उल्लेख किया और कहा कि हमारी संस्कृति और परम्परा में और हमारे संविधान में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। मुझे यह जानकर खुशी हो रही हैं कि प्रशासन और समाज के संवेदनशील लोगों ने नक्सलवाद के जाल में उलझे युवाओं का विश्वास जीता है। अब नक्सलवाद का खत्मा हो रहा है। बहुत से भटके हुए लोग, समाज और देश की मुख्य धारा में वापस लौट आए हैं। अहिंसा और विकास के बल पर, हिंसा और आतंक के दुष्प्रभाव को समाप्त करने की दिशा में यह बदलाव प्रशंसनीय है। उन्होंने इस बदलाव के लिए राज्य और केन्द्र सरकार के प्रयासों की सराहना की।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशवासियों की ओर से राष्ट्रपति श्री कोविन्द का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन का लोकार्पण और राज्य सरकार की संचार क्रांति योजना का शुभारंभ तथा दंतेवाड़ा और बस्तर जिले का उनका दो दिवसीय दौरा हम सबके लिए गौरव का विषय है। डा.सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों जगदलपुर में मेडिकल कॉलेज के विशाल अस्पताल भवन के लोकार्पण से बस्तर वासियों का एक सपना पूरा हो रहा है। संचार क्रांति योजना के जरिये छत्तीसगढ़ एक नये युग में प्रवेश कर रहा है।

डॉ.सिंह ने अंचल के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री बलिराम कश्यप को याद करते हुए कहा कि जगदलपुर में एक सर्वसुविधायुक्त मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निर्माण स्वर्गीय श्री कश्यप का भी सपना था, जो आज राष्ट्रपति के हाथों पूरा हुआ। डॉ.सिंह ने श्री कोविन्द के हाथों राज्य सरकार की  संचार क्रांति योजना के शुभारंभ का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से छत्तीसगढ़ एक नये युग में प्रवेश कर रहा है। यह योजना छत्तीसगढ़ का एक नवाचार है और देश तथा दुनिया के लिए उदाहरण है कि योजना के तहत 50 लाख हाथों में मोबाइल फोन दिया जाएगा। लगभग 45 लाख महिलाओं के हाथों में और पांच लाख युवाओं के हाथों में स्मार्ट फोन होगा।