रायपुर 25 मई।झीरम हमले की 11वीं बरसी पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में जीरम के शहीदों के लिये श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां झीरम के शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस अवसर पर झीरम के शहीदों को याद करते हुये कहा कि कांग्रेस झीरम के शहीदों की ऋणी है। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिये अपने प्राणो का बलिदान किया। कांग्रेस शहीदो के परिजनों का भी अभिनंदन करता है। हर कांग्रेसी शहीदों के परिवारो का ऋणी है। झीरम घटना की सच्चाई आज भी सामने नहीं आई है। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यो हटाया गया था? झीरम नरसंहार भाजपा के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है तथा उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है। कांग्रेस के लिए झीरम वह घाव है जो कभी नहीं भर सकता। यह घटना देश के लोकतंत्र के माथे पर लगा वह कलंक है जो कभी नही मिट सकता। कांग्रेस ने झीरम में अपने नेताओं की पूरी पीढ़ी को खोया है।
उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी झीरम के षड्यंत्र को उजागर होने का पूरा प्रयास करेगी। इस षड्यंत्र को उजागर होने में कितनी भी बाधायें पैदा की जाए कांग्रेस उनका डट कर मुकाबला करेगी। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार ने झीरम हमले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया था लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार एनआईए से झीरम की फाइल एसआईटी को नहीं देने दिया। जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है पता नहीं क्यों भाजपा के बड़े-बड़े नेता घबराने लगते है, किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं, कभी बयानबाजी करते हैं, कभी कोर्ट की शरण में जाते हैं, पीआईएल दायर करते हैं। किसी भी प्रकार से भाजपा झीरम घाटी की जांच को होने ही नहीं देना चाहती है। भाजपा जांच को बाधित करना चाहती है। झीरम न्यायिक आयोग की जांच पर रोक का पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक स्टे लेकर आये थे। भाजपा डरती है झीरम का सच सामने आ जायेगा तो वह बेनकाब हो जायेगी। भाजपा के नेता इस बात से डरते हैं कि झीरम घाटी कांड की जांच से ऐसा कोई सच निकलकर आ जायेगा जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार के किसी कुत्सित चेहरे पर से नकाब उठा जायेगा? भाजपाई इस बात से डरते हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार की नाकामी, उनके द्वारा कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाने में बरती गई घोर लापरवाही सामने आ जायेगी? भाजपा किस बात से डर रही है? क्या श्री धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि इस नक्सली घटना के पीछे की किसी बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो जायेगा जिसका प्रभाव इनकी पूरी पार्टी पर पड़ सकता है? आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, भाजपा और भाजपा के लोग।