
नई दिल्ली, 24 जुलाई।संसद के मानसून सत्र में गुरुवार को लगातार चौथे दिन बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर भारी गतिरोध देखने को मिला। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में विपक्ष के सदस्यों ने जोरदार नारेबाजी और तख्तियां लहराकर विरोध दर्ज कराया, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में विरोध और अध्यक्ष की चेतावनी
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने आसन के समीप पहुंचकर एसआईआर के खिलाफ नारेबाजी और तख्तियां लहराईं। विपक्ष ने बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर तत्काल चर्चा की मांग की। इसके चलते प्रश्नकाल के दौरान शोरगुल बना रहा, बावजूद इसके पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विरोध कर रहे सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा, “प्रश्नकाल जनता के लिए महत्वपूर्ण है, और इसमें सरकार की जवाबदेही तय होती है। देश देख रहा है कि एक पुराना राजनीतिक दल किस तरह का व्यवहार कर रहा है।”
दोपहर दो बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष से ‘गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व समायोजन विधेयक, 2024’ पर चर्चा में भाग लेने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा।
राज्यसभा में शांति से शपथ, फिर हंगामा
राज्यसभा में प्रख्यात वकील उज्ज्वल निकम ने मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ ली। इसके अलावा छह सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को सदन द्वारा सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। इस दौरान कोई हंगामा नहीं हुआ।
विदाई के बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। उपसभापति हरिवंश ने सभी 30 कार्यस्थगन प्रस्तावों को खारिज करते हुए दोपहर 12:30 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी।
विधेयक पर चर्चा में भी बाधा
दोपहर 2 बजे सदन की बैठक पुनः आरंभ हुई और ‘समुद्र द्वारा मालवहन विधेयक, 2025’ पर चर्चा शुरू की गई। हालांकि, चर्चा के दौरान भी विपक्ष का हंगामा थमा नहीं और कई सांसदों की बातें शोरगुल में सुनाई नहीं दीं।
भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने हंगामे को लेकर पीठासीन अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस उप नेता प्रमोद तिवारी ने नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति देने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने इसे खारिज कर दिया। अंततः दोपहर करीब 2:15 बजे राज्यसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
लगातार चौथे दिन गतिरोध
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और तब से ही बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव बना हुआ है। एसआईआर को लेकर विपक्ष सरकार पर “राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रक्रिया” अपनाने का आरोप लगा रहा है।
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