देश की राजधानी में आम आदमी पार्टी लंबे समय से सत्ता पर काबिज हैं। 70 में से 62 विधानसभा क्षेत्रों में आप के विधायक हैं। इसके बावजूद भाजपा ने तीसरी बार सातों लोकसभा सीटों पर भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। गठबंधन के उम्मीदवार आप के 44 विधायकों के क्षेत्रों में धराशायी हो गए। आप के चार उम्मीदवारों में से तीन वर्तमान में विधायक हैं, लेकिन इन तीनों में से दो अपने ही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार से हार गए हैं। दिल्ली की कुल 70 विधानसभा क्षेत्रों में सिर्फ 18 क्षेत्रों पर ही गठबंधन के उम्मीदवारों को भाजपा उम्मीदवार से जीत मिली है।
कुलदीप कुमार कोंडली से विधायक हैं। यहां पर उन्हें 57985 मत मिले हैं। वहीं भाजपा उम्मीदवार हर्ष मल्होत्रा को 59551 मत मिले। वहीं मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती को अपनी सीट पर 39700 मत मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज को 43623 वोट मिले। सिर्फ तुगलकाबाद विधानसभा से विधायक और लोकसभा उम्मीदवार सही राम पहलवान भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी से लगभग 5000 मतों से आगे रहे। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली से आप उम्मीदवार महाबल मिश्रा अपने बेटे और आप विधायक विनय मिश्रा की विधानसभा सीट द्वारका में भाजपा की उम्मीदवार कमलजीत सहरावत से 15000 मतों से पीछे रह गए।
सिसोदिया की सीट पर पिछड़े कुलदीप
पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से आप के कुलदीप कुमार चुनाव मैदान में थे। यहां की 10 सीटों में से सात पर आप के विधायक हैं, जबकि तीन पर भाजपा का कब्जा है। आप के कई बड़े नेता यहां से विधायक है। लेकिन उन सीटों पर कुलदीप पिछड़ गए। पटपड़गंज से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया विधायक हैं लेकिन यहां कुलदीप भाजपा उम्मीदवार से 29199 मतों से पीछे रहे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की सीट शाहदरा में भी कुलदीप भाजपा से 19610 मतों से पीछे रह गए। उन्हें सिर्फ ओखला और जंगपुरा से ही भाजपा उम्मीदवार से बढ़त मिली है। इसमें ओखला में सबसे अधिक 73818 मतों से वह भाजपा उम्मीदवार से आगे रहे। वहीं जंगपुरा में वह 2491 मतों से आगे रहे।
बेटे की सीट पर हारे महाबल…
पश्चिम दिल्ली सीट पर आप के महाबल मिश्रा उम्मीदवार थे। यहां की 10 सीटों पर आप के विधायक हैं। यहां की द्वारका विधानसभा सीट पर महाबल के बेटे विनय मिश्रा विधायक है। इसके बावजूद यहां महाबल 15000 मतों से भाजपा उम्मीदवार से पीछे रहे है। 10 विधानसभा सीटों में से दो सीट पर ही महाबल बढ़त मिली है।
कन्हैया महज चार सीटों पर ही रहे आगे
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार चार विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी से आगे रहे। जबकि इस सीट के 10 विधानसभा क्षेत्रों में 7 पर आप के विधायक हैं। वहीं तीन पर भाजपा के हैं। मुस्लिम बहुल क्षेत्र बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर में कन्हैया को काफी बढ़त मिली। वहीं भाजपा के मनोज तिवारी को बुराड़ी, तिमारपुर, रोहताश नगर, करावल नगर, घाेडा और गोकलपुरी में बढ़त मिली है।
दक्षिणी दिल्ली…: तीन पर ही सहीराम को मिली बढ़त
इस सीट पर बदरपुर से भाजपा विधायक रामवीर सिंह और तुगलकाबाद से आप पार्टी के विधायक सहीराम पहलवान उम्मीदवार थे। यहां की 10 विधानसभा सीटों में से नौ पर आप पार्टी के विधायक हैं। खास बात यह है कि यहां तीन विधानसभा सीट पर ही सही राम को भाजपा उम्मीदवार से बढ़त मिली है। अन्य सीट पर हार का सामना करना पड़ा है।
अपने ही क्षेत्र में पिछड़े सोमनाथ
अपने ही क्षेत्र में पिछड़े सोमनाथ नई दिल्ली सीट पर भाजपा की बांसुरी स्वराज और आप के मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती उम्मीदवार थे। यहां की 10 विधानसभा सीटों पर आप पार्टी के ही विधायक हैं। इसमें से ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज दिल्ली सरकार में मंत्री हैं। इसके बावजूद सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्रों में ही सोमनाथ भारती को भाजपा उम्मीदवार से बढ़त मिली है। भारती खुद अपनी मालवीय नगर सीट से पिछड़ गए। नई दिल्ली से सीएम अरविंद केजरीवाल विधायक है। उनकी सीट पर लगभग 3000 मतों से ही बांसुरी भारती से पीछे रही हैं।
चांदनी चौक.का बुरा हाल
चांदनी चौक. सीट की 10 विधानसभा सीटों पर आप के विधायक हैं। इसके बावजूद आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्रों पर ही भाजपा के उम्मीदवार प्रवीण खंडेलवाल से पीछे रहे हैं। इसमें चांदनी चौक से 15378, मटिया महल से 47613 और बल्लीमारान से 28894 मतों के अंतर से अग्रवाल भाजपा उम्मीदवार से आगे रहे हैं।
उत्तर पश्चिमी दिल्ली..का भी वही हाल.
इस सीट पर नौ विधानसभा क्षेत्रों में आप पार्टी के विधायक हैं। इसमें रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं। भाजपा उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया 10 विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र सुल्तानपुर माजरा से लगभग 9000 मतों से कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज से पीछे रहे हैं। अन्य सीटों पर भारी अंतर से योगेंद्र आगे रहे हैं। इस सीट पर भाजपा को रिठाला, बवाना और किराड़ी में एक लाख से अधिक मत मिले हैं।