उज्जैन शहर में 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह के पहले 500 विद्यार्थी श्यामला दंडकम स्तोत्र पाठ करेंगे। समारोह के विधिवत शुभारंभ के पहले पूर्वरंग कार्यक्रम के तहत 10 नवंबर को मां गढकालिका माता मंदिर के आंगन में महाकवि कालिदास द्वारा रचित श्यामला दंडकम स्तोत्र का पाठ होगा। इस दौरान करीब 121 छात्राएं भी सस्वर पाठ करेंगी।
मां गढकालिका की पूजन-आराधना के बाद कालिदास समारोह का शुभारंभ माना जाएगा। अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विधिवत शुभारंभ देव प्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर को किया जाएगा। शुभारंभ के पहले दो दिन का पूर्वरंग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसके तहत 10 नवंबर रविवार को करीब 500 स्कूली विद्यार्थी व बटुकों द्वारा पहली बार मां गढकालिका माता मंदिर पर श्यामला दंडकम स्तोत्र का पाठ करेंगे।
इस दौरान अकादमी के अधिकारियों के अलावा संस्कृत विद्वान, संस्कृतिकर्मी, गणमान्यजन भी गढकालिका माता की आराधना कर कालिदास समारोह की सफलता की कामना करेंगे। कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गन्धे ने बताया कि कालिदास समारोह का विधिवत शुभारंभ देव प्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर को होगा। पूर्वरंग कार्यक्रम के तहत 10 नवंबर को मां गढकालिका का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इस बार नया प्रयोग करते हुए महाकवि कालिदास द्वारा रचित श्यामला दंडकम स्तोत्र का पाठ करीब 500 स्कूली विद्यार्थियों व बटुकों के माध्यम से कराया जा रहा है। इसमें करीब 121 छात्राएं भी शामिल होकर पाठ करेंगी। 11 नवंबर को मोक्षदायनी शिप्रा नदी से जल से भरा कलश लेकर यात्रा के साथ निकलेगी। 12 नवंबर को अभा कालिदास समारोह का शुभारंभ होगा।
महाकवि कालिदास द्वारा रचित है श्यामला दंडकम स्तोत्र
अकादमी निदेशक डॉ. गन्धे ने बताया कि महाकवि कालिदास द्वारा संस्कृत में आराध्य देवी मां गढकालिका की स्तुति करते हुए श्यामला दण्डकम स्त्रोत की रचना की है। इस स्तोत्र पाठ को सस्वर करने के लिए स्कूल के विद्यार्थियों को जोड़ा गया है। विधिवत अध्ययन करने के लिए स्त्रोत पाठ की पुस्तिका छपवाकर वितरित कराई जा रही है। विद्यार्थियों को संस्कृत में लिखित स्त्रोत पाठ को सस्वर किस तरह करना है। इसको लेकर अभ्यास भी कराया जाएगा।