
रायपुर 17 जून।छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि समाज की अपेक्षा पुलिस से होती है और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारी महती जिम्मेदारी है। यदि आज हम अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायेंगे तो कानून व्यवस्था खराब होगी।
श्री शर्मा ने आज यहां छत्तीसगढ़ पुलिस एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आज ‘‘महिला एवं बाल केन्द्रित नवीन कानून’’ विषय पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कानून ही एक मात्र ऐसा रास्ता है जिससे परेशानी को समय से पहले रोका जा सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी अपने जिले में ऐसी कार्रवाई करें जिससे पूरी दुनिया सीख ले।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा है तो जीवन है, उन्नति है, खुशियां है, संसाधन है। पूरे समाज में पुलिस ही एक मात्र ऐसी संस्था है, जिसके अधिकारी व कर्मचारी समाज सेवा में अपना जीवन न्यौछावर कर देते हैं। आज इस महत्वपूर्ण विषय पर जो कार्यशाला आयोजित की गई। यहां से काफी सारी चीजें सीखने को मिलेंगी। पुलिस की ताकत कानून की किताब से है और इसमें जो प्रावधान हैं, उसे दृढ़ता के साथ लागू करने की अपेक्षा करता हूं।
पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने कार्यशाला में कहा कि नवीन कानून में महिला एवं बाल अपराधों को प्राथमिकता दी गई है और इसके लिए एक पृथक से अध्याय बनाया गया है और बहुत ही शुरूआती धाराओं में इस अपराध को रखा गया, जो यह बताता है कि महिला को न्याय दिलाया जाना कितना महत्वपूर्ण है। नवीन कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है, किन्तु असली चुनौती न्यू क्रिमिनल लॉ को उसके रियल स्प्रिट में पूरी तरह से लागू किया जाना है।
यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख विलियम ने कहा कि यूनिसेफ एवं छत्तीसगढ़ पुलिस बाल संरक्षण की दिशा में काफी लंबे समय कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि समाज में चाईल्ड प्रोटेक्टिव वातवरण निर्मित करने की दिशा में चाईल्ड फ्रेण्डली प्रोसिजर को अपनाये जाने की आवश्यकता है। साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सौ से अधिक थानों में विकसित चाईल्ड फ्रेण्डली थानों का भी जिक्र किया।
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