नई दिल्ली 26 फरवरी।उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद को आपसी सहमति से निपटाने का एक और प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह इस मामले को न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थ के जरिये निपटाने के बारे में आदेश अगले महीने की पांच तारीख को सुनायेगी।पीठ ने कहा कि इस विवाद को आपसी सहमति से निपटाने की हरसंभव कोशिश की जानी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि वह मुख्य मामले की सुनवाई आठ सप्ताह बाद करेगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वर्ष 2010 में फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 14 याचिकाएं दायर की गई हैं।उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या में विवादित पौने तीन एकड़ भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निरमोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांट दिया जाये।