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ATM से पैसे निकालने पर सभी बैंकों को भारी नुकसान

जब आप ATM से कैश निकालते हैं तो बैंक आपसे मामूली फीस लेते हैं और उससे मोटी कमाई करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फीस से बैंकों को हर साल कितना मुनाफा होता है? मार्च 2025 में लोकसभा (Loksabha Session) में एक सवाल के जवाब में जो आंकड़ा सामने आया, वो आपके होश उड़ा सकता है। उसमें बता चला कि बैंक उससे एक-दो करोड़ नहीं बल्कि 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई करते हैं।

ट्रांजैक्शन से कैसे कमाई करते हैं बैंक?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने 10 जून 2021 को एक गाइडलाइंस जारी की थी। इसके मुताबिक, अगर कोई ग्राहक अपने बैंक के एटीएम (ATM Transaction) से पैसे निकालता है या फिर बैलेंस चेक करता है तो वह पांच ट्रांजैक्शन फ्री में कर सकता है।

वहीं दूसरे बैंक के एटीएम से मेट्रो सिटी में 3 और नॉन-मेट्रो में 5 फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा है। इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर फीस लगती है, जो बैंकों की पॉलिसी पर निर्भर करती है। जिसके तहत अधिकतम चार्ज 21 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन वसूला जाता है, जिसमें टैक्स अलग से लिया जाता है। यही फीस बैंकों की कमाई का जरिया है।

12 बैंकों में सिर्फ SBI को हुआ तगड़ा मुनाफा
सरकार ने लोकसभा में देश के 12 सरकारी बैंकों का मुनाफा गिनाया। जिसमें 11 बैंकों को भारी नुकसान हुआ। लेकिन देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) को 331 करोड़ का मुनाफा हुआ। उसे यह कमाई साल 2023-24 वित्त वर्ष में हुई। जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा को सबसे ज्यादा 212 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 203 करोड़ रुपए और इंडियन बैंक को 118.75 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है।

एक साल में किस बैंक को कितना घाटा हुआ?

क्रमांकबैंक का नामनुकसान/फायदा (FY23/24)
1बैंक ऑफ बड़ौदा-₹212.08 करोड़
2बैंक ऑफ इंडिया-₹66.12 करोड़
3बैंक ऑफ महाराष्ट्र-₹44.48 करोड़
4सेंट्रल बैंक-₹41.11 करोड़
5सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया-₹17.15 करोड़
6इंडियन बैंक-₹188.75 करोड़
7इंडियन ओवरसीज़ बैंक-₹53.35 करोड़
8पंजाब & सिंध बैंक-₹8.70 करोड़
9पंजाब नेशनल बैंक-₹27.65 करोड़
10स्टेट बैंक ऑफ इंडिया+₹331.00 करोड़
11यूको बैंक-₹61.86 करोड़
12यूनियन बैंक ऑफ इंडिया-₹203.87 करोड़

ट्रांजैक्शन फीस से किसे होता है ज्यादा नुकसान?

ट्रांजैक्शन फीस से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण किसानों को हो सकता है, जो आमतौर पर छोटे-छोटे लेन-देन के लिए ATM का सहारा लेते हैं। RBI के मुताबिक, बैंक अपनी पॉलिसी के आधार पर चार्ज तय करते हैं, लेकिन किसानों को राहत देने के लिए फ्री ट्रांजैक्शन की संख्या बढ़ाने की मांग उठ रही है