
नई दिल्ली, 11 अगस्त।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने वोटिंग में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े के आरोपों को लेकर आयोग की निष्क्रियता पर कड़ी आपत्ति जताई है।
हाल ही में राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने उनसे हलफनामा मांगा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आयोग को पहले उन शपथपत्रों का जवाब देना चाहिए, जो पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं। 18 हजार वोट कटने के मामले में क्या कार्रवाई की गई?”
‘फास्टेस्ट ट्रैक कोर्ट‘ की मांग
श्री यादव ने यह भी कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए न केवल फास्ट ट्रैक कोर्ट, बल्कि ‘फास्टेस्ट ट्रैक कोर्ट’ की आवश्यकता है। उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग के पास कोई सिटीजन चार्टर है जो आम जनता के प्रति उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करता हो? उन्होंने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव की एक तस्वीर भी साझा की, जिससे उनके आरोपों को मजबूती मिल सके।
बीजेपी पर गंभीर आरोप
श्री यादव ने कल 10 अगस्त को लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सीधा हमला बोला था। उन्होंने दावा किया कि मीरापुर और कुंदरकी उपचुनाव में स्वयं मुख्यमंत्री बूथ कैप्चरिंग में शामिल थे। अखिलेश ने आरोप लगाया कि स्थानीय कमिश्नर, डीएम और एसएसपी ने मिलकर पुलिस बल की मदद से वोट बढ़वाए।
एक चौंकाने वाले दावे में उन्होंने कहा कि एक एसएसपी ने मतदाताओं को घर से बाहर न निकलने की धमकी दी, और महिलाओं पर रिवॉल्वर तान दी गई।
चुनाव आयोग पर निष्क्रियता का आरोप
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि जब भाजपा को जीत के लिए वोट कम पड़े, तो उन्होंने पुलिस के बल पर फर्जी वोटिंग करवाई। समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से इस संबंध में कई बार शिकायतें कीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने चुनाव आयोग की धीमी प्रक्रिया पर कटाक्ष करते हुए कहा, “आयोग कछुए की गति से काम कर रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।”