
नई दिल्ली/रायपुर 25 नवंबर। राजधानी दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को 6800 करोड से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। स्टील, ऊर्जा, पर्यटन और वेस्ट-टू-एनर्जी सहित विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी कंपनियों ने राज्य में उद्योग स्थापना, क्षमता विस्तार और होटल निर्माण के प्रति गहरी रुचि जताई।
कार्यक्रम में कुल 6,321.25 करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश और 505 करोड़ रुपये के पर्यटन निवेश के प्रस्ताव मिले। इन परियोजनाओं से आने वाले वर्षों में 3,000 से अधिक रोजगार अवसर सृजित होने की उम्मीद है। इस ताज़ा उपलब्धि के साथ अब तक छत्तीसगढ़ को कुल 7.90 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।
दिल्ली स्थित होटल द ललित में आयोजित इस कार्यक्रम में स्टील और पर्यटन सेक्टर में निवेश संभावनाओं पर विशेष फोकस रहा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रमुख उद्योगपतियों, विशेषज्ञों और निवेशकों से चर्चा कर उन्हें राज्य की निवेशक-हितैषी नीतियों से अवगत कराया और कई कंपनियों को निवेश प्रस्ताव पत्र सौंपे।
कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, भारत सरकार के केमिकल एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव अमित अग्रवाल, इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंडरिक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
“छत्तीसगढ़ देश के सबसे भरोसेमंद और तेज़ी से उभरते औद्योगिक गंतव्यों में शामिल” — साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में ऊर्जा, खनिज, कुशल मानव संसाधन और निवेशक-हितैषी नीतियों का अनूठा संयोजन मौजूद है। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्योग संबंधी अनुमतियाँ पहले की तुलना में अधिक तेज़ी और पारदर्शिता के साथ जारी हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन और लिथियम जैसे खनिजों की प्रचुर उपलब्धता छत्तीसगढ़ को एक बड़े औद्योगिक एवं विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर रही है। हाल ही में आयोजित एनर्जी समिट में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिलने की जानकारी भी उन्होंने साझा की।
स्टील और ग्रीन एनर्जी में बढ़ता कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट, नगरनार स्टील प्लांट और एमएसएमई आधारित इकाइयाँ छत्तीसगढ़ की औद्योगिक पहचान को मजबूती प्रदान करती हैं। उन्होंने ग्रीन स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते अवसरों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य, प्रधानमंत्री के नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
बस्तर—तेज़ी से उभरता निवेश और पर्यटन केंद्र
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर में नक्सल हिंसा में कमी, बेहतर सड़क, इंटरनेट और सुरक्षा व्यवस्था के कारण क्षेत्र तेजी से पर्यटन एवं निवेश का नया केंद्र बन रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक बस्तर को पूर्णतः नक्सल-मुक्त बनाया जाए।
राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है तथा होम-स्टे, ट्राइबल टूरिज्म और सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विशेष जोर है।
कार्यक्रम में सीएसआईडीसी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पर्यटन सचिव रोहित यादव, उद्योग सचिव रजत कुमार, संचालक प्रभात मलिक, सीएसआईडीसी के महाप्रबंधक विश्वेश कुमार, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सेन सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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