रायपुर, 23 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि पालकों द्वारा बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बना रहता है। पहले की अपेक्षा आज के बच्चे सामान्य रूप अच्छे अंक प्राप्त भी कर रहे हैं, मगर किसी भी हाल में प्रतिस्पर्धा के दबाव में बच्चों का बचपन मत खोने दीजिए।उन्हें खेलने दीजिए और जीवन का आनंद लेने दीजिए।
सुश्री उइके ने यह विचार आज कांगेर वैली अकादमी रायपुर के वार्षिक उत्सव में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कम नंबर आने पर उन्हें निराश न होने दें, बल्कि उन्हें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए विज्ञान के विभिन्न मॉडल का अवलोकन किया और सराहना की।
उन्होने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के युग में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार का भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।यदि बच्चे संस्कारी होंगे तो समाज अपने आप संस्कारवान हो जाएगा और समाज में आये दिन घटने वाली अपराधिक घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।बच्चे अपने जीवन में हमेशा अच्छा करने का प्रयास करें और उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में सदैव प्रयत्नशील रहें। बच्चे अपने जीवन में पढ़ाई के साथ नम्रता, सहजता और संस्कार भी सीखें। ज्ञान, नवाचार एवं जिज्ञासा को अपनाएं, यह सफलता की महत्वपूर्ण कड़ी है।
राज्यपाल ने कहा कि मानव जीवन में विद्यार्थी जीवन का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। विद्यार्थी जीवन बहुत ही कीमती और यादगार क्षण होते हैं। बचपन में सीखे गये अच्छी शिक्षा एवं संस्कार जीवन पर्यन्त काम आते हैं।शिक्षा का अर्थ केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना है।