रायपुर 26 दिसम्बर।कल से यहां शुरू हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं सांसद राहुल गांधी करेंगे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे।शुभारंभ अवसर पर लद्दाख, कर्नाटक, अरूणाचल प्रदेश, बेलारूस और छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी जाएगी।
इस महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाम नबी आजाद, उप नेता श्री आनंद शर्मा, राज्यसभा सांसद श्री अहमद पटेल और श्री मोतीलाल वोरा, पूर्व सांसद श्री के.सी. वेणुगोपाल, श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुश्री मीरा कुमार, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, सांसद श्री पी.एल. पुनिया, श्री बी.के. हरिप्रसाद, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, श्री चंदन यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री कांतिलाल भूरिया और श्री भक्त चरणदास के साथ ही प्रदेश के सभी मंत्री, सांसद, विधायक सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव अब अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का रूप ले लिया है। तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ ही 6 देशों के लगभग 1350 से अधिक प्रतिभागी अपनी जनजातीय कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। इस महोत्सव में 39 जनजातीय प्रतिभागी दल 4 विभिन्न विधाओं में 43 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन करेंगे।
संस्कृति विभाग द्वारा जारी प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार महोत्सव के प्रथम दिन 27 दिसम्बर को 11.45 बजे से विवाह एवं अन्य संस्कार, पारंपरिक त्यौहार एवं अनुष्ठान, फसल कटाई व कृषि तथा अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी। असम के कलाकारों द्वारा बागरूंगा नृत्य प्रस्तुत की जाएगी। तेलंगाना के कलाकारों द्वारा कोया नृत्य, झारखण्ड के कलाकारों द्वारा छाऊ नृत्य, ओड़िसा के कलाकारों द्वारा सिंगारी नृत्य और गुजरात के कलाकरों द्वारा सिद्दी नृत्य प्रस्तुत की जाएगी।
दोपहर 03 बजे से राजस्थान के कलाकरों द्वारा सहरिया स्वांग, जम्मू का गुजर नृत्य, हिमाचल प्रदेश का घुरई नृत्य, लद्दाख का लद्दाखी नृत्य, उत्तराखण्ड का झांझी नृत्य, केरल का तैयम नृत्य, महाराष्ट्र का तड़पा नृत्य, तेलंगाना का गुसाड़ी नृत्य, मध्यप्रदेश का भगोरिया नृत्य, अरूणाचल प्रदेश का रेह नृत्य, आंध्रप्रदेश का लम्बाड़ी नृत्य और उत्तरप्रदेश का गरद नृत्य का आयोजन होगा। रात्रि आठ से नौ बजे तक थाईलैण्ड, बांग्लादेश, बेलारूस, मालदीव एवं युगांडा देशों से आमंत्रित कलाकारों द्वारा गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।