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मोदी को पैगम्बर मामले में तोड़नी चाहिए चुप्पी – भूपेश

(फाइल फोटो)

रायपुर 11 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पैगम्बर पर की गई टिप्पणियों को लेकर देश में कई स्थानों पर कल हुए प्रदर्शन एवं हिंसक घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुप्पी तोड़कर सामने आकर देश एवं दुनिया के सामने इस मामले में अपनी बात रखनी चाहिए और सभी से प्रेम एवं भाई चारे के साथ रहने की अपील करनी चाहिए।

श्री बघेल ने आज यहां पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि भारत ऋषि मुनियों का देश हैं और सभी ने प्रेम एवं भाई चारे का संदेश दिया हैं।धुव्रीकरण की चल रही राजनीति से भाजपा को जरूर राजनीतिक फायदा हो रहा है पर इससे देश का बहुत नुकसान हो रहा हैं।इससे वैश्विक स्तर पर भी देश की छवि खराब हो रही हैं।उन्होने छत्तीसगढ़ के लोगो से भी शान्ति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि देश एवं राज्य में सभी पक्ष संयम बरते और मामले को तूल नही दे।उन्होने सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाओं से लोगो को सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि माहौल को खराब करना आसान है।

उन्होने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोल ब्लाक आवंटन के मामले में राज्य सरकार की भूमिका महज डाकिया की हैं।राजस्थान सरकार को आवंटित कोल ब्लाक के लिए हसदेव जंगल में कटाई रोकने का निर्णय फिलहाल जनप्रतिनिधियों की मांग पर किया गया हैं।श्री बघेल ने स्वीकार किया कि हसदेव जंगल में कटाई रोकने का निर्णय जनप्रतिनिधियों की मांग पर राज्य सरकार ने लिया हैं।उन्होने कहा कि..क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री टी.एस.सिंहदेव की मांग पर यह निर्णय हुआ है।उन्होने क्षेत्रीय जनता की मांग के मद्देनजर जिस दिन यह बात की थी,उसी दिन ही मैंने कह दिया था कि उनकी इच्छा के विपरीत पेड़ तो क्या डंगाल भी नही कटेंगा..।उन्होने कहा कि कोल आवंटन की पूरी प्रक्रिया केन्द्र सरकार के अधीन है।उसे ही तय करना होता हैं कि कोल ब्लाक को निजी क्षेत्र के नीलाम करे या राज्य सरकारों को आवंटित करें।

उन्होने कहा कि वन अधिनियम,पर्यावरण अधिनियम केन्द्रीय कानून है और उनके गाईड लाईन के अनुसार ही राज्य सरकार प्रक्रिया पूरी करवाती हैं। उन्होने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पेड़ कटाई रूक गई इसका मतलब यह नही हैं कि आवंटन प्रक्रिया रूक गई।इससे उस पर कोई प्रभाव नही पड़ने वाला हैं।उन्होने कहा कि जो लोग आवंटन रद्द करने की मांग कर रहे हैं उन्हे केन्द्र सरकार के पास जाना चाहिए और यह मांग उससे करनी चाहिए।