China-America Relations- अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद से ही चीन-अमेरिका के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच ताइवान जलडमरूमध्य में बढ़ते तनाव के बीच स्व-शासित द्वीप के नेतृत्व के साथ वार्ता करने के लिए अमेरिकी राज्य इंडियाना के गवर्नर एरिक होल्कोंब ताइवान पहुंचे हैं। हालांकि, इंडियाना के गवर्नर एरिक होल्कोंब के ताइवान दौरे को लेकर चीन ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है। यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी व अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा को लेकर चीन पहले ही नाराज है।
इंडियाना के गवर्नर ने किया ट्वीट
इंडियाना के गवर्नर एरिक होल्कोंब ने ट्वीट कर बताया कि मैं ताइवान और दक्षिण कोरिया में आर्थिक विकास यात्रा शुरू करने के लिए ताइपे पहुंचा हूं। इंडियाना में 10 ताइवानी और 12 दक्षिण कोरियाई व्यवसाय हैं। इस सप्ताह राज्यपाल के रूप में दक्षिण कोरिया की मेरी दूसरी यात्रा है और मुझे महामारी से पहले ताइवान का दौरा करने वाला पहला गवर्नर होने पर गर्व है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हमारा प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह ताइवान और दक्षिण कोरिया के साथ इंडियाना के आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए सरकारी अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और शैक्षणिक संस्थानों के साथ बैठक करेगा।
I landed in Taipei to kick off an economic development trip in Taiwan & South Korea. Indiana's home to 10 Taiwanese & 12 South Korean businesses. This week marks my 2nd trip to South Korea as Governor & I'm proud to be the first governor to visit Taiwan since before the pandemic.
वहीं, चीनी राज्य मीडिया आउटलेट ने कहा कि यह यात्रा इस महीने की शुरुआत में पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान को मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने वाले अमेरिकी राजनेताओं की एक जहरीली प्रवृत्ति को दर्शाती है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन ताइवान के प्रश्न को हल करने के लिए अपनी गति बनाए रखेगा। चाइनीज एकेडमी आफ सोशल साइंसेज के रिसर्च फेलो लू जियांग ने रविवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि पेलोसी द्वारा की गई यात्रा के बाद होलकोम्ब की यात्रा स्पष्ट रूप से एक जहरीली कड़ी है, जिसने अमेरिकी राजनेताओं को यह विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित किया है और अपने व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ प्राप्त करने और अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए इस तरह के तनाव का फायदा उठा सकते हैं।
क्या कहते हैं चीन और ताइवान
चीन का कहना है कि ताइवान सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जो वाशिंगटन के साथ अपने राजनयिक संबंधों को समर्पित करता है। वहीं, ताइवान की सरकार का कहना है कि चूंकि बीजिंग ने कभी भी द्वीप पर शासन नहीं किया है और उसे यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि वह किससे जुड़ा है। बता दें कि ताइवान के आसपास चीन का सैन्य अभ्यास जारी है।