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वाणिज्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को रुपये में करने के लिए विदेश व्यापार नीति में किया ये बड़े बदलाव

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने हाल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भारतीय मुद्रा यानी रुपये में करने के लिए विदेश व्यापार नीति में बदलाव किया है। इससे सभी तरह के पेमेंट, बिलिंग और आयात-निर्यात में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है। इस बारे में विदेश व्यापार महानिदेशलय (डीजीएफटी) ने भी एक नोटिफिकेशन जारी किया है। सरल भाषा में कहें तो यह रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया की तरफ भारत सरकार का पहला कदम है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के बाद लगातार कमजोर हो रहे रुपये और घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच आरबीआइ ने इस ओर कदम बढ़ाएं हैं। अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया अक्टूबर में 1.8 प्रतिशत फिसला है, जबकि 2022 में अब तक रुपया 11 प्रतिशत कमजोर हुआ है। क्या है रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण: रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सीमा पार लेन-देन में स्थानीय मुद्रा का उपयोग किया जाता है। इसमें आयात-निर्यात के लिए रुपये को प्रोत्साहन देने के अतिरिक्त अन्य चालू खाता एवं पूंजी खाता लेन-देन में भी इसका उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। जहां तक रुपये का संबंध है तो यह चालू खाते में पूरी तरह परिवर्तनीय है, लेकिन पूंजी खाते में आंशिक रूप से। चालू और पूंजी खाता भुगतान संतुलन के दो घटक हैं। चालू खाते के घटकों में वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात और आयात तथा विदेश में निवेश से आय शामिल हैं। वहीं पूंजी खाते के घटकों में सभी तरह के विदेशी निवेश और एक देश की सरकार द्वारा दूसरे देश को ऋण देना शामिल हैं। इस तरह तकनीकी तौर पर रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण का अर्थ है “पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता को अपनाना”। पूरी तरह से परिवर्तनीय पूंजी खाते का मतलब है कि विदेश में किसी भी संपत्ति को खरीदने के लिए आप कितने रुपये को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित कर सकते हैं, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं हो।

क्यों है रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की आवश्यकता

वैश्विक मुद्रा बाजार के कारोबार में डालर की हिस्सेदारी 88.3 प्रतिशत है। इसके बाद यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग का स्थान आता है। वहीं रुपये की हिस्सेदारी मात्र 1.7 प्रतिशत है। दुनियाभर का 40 प्रतिशत ऋण डालर में जारी किया जाता है। डालर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका के बाहर मौजूद है। डालर पर अत्यधिक निर्भरता के कारण वर्ष 2008 का वैश्विक आर्थिक संकट भी दुनिया के समक्ष है। ऐसे में रुपये की वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी में वृद्धि के लिए भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण आवश्यक है।
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रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण का महत्व

सीमापार लेन-देन में रुपये का उपयोग भारतीय व्यापार के लिए जोखिम को कम करेगा। मुद्रा की अस्थिरता से सुरक्षा न केवल व्यवसाय करने की लागत को कम करती है, बल्कि यह व्यवसाय के बेहतर विकास को भी सक्षम बनाती है, जिससे भारतीय व्यापार के विश्व स्तर पर बढ़ने की संभावना में सुधार होता है। यह विदेशी मुद्रा भंडार रखने की आवश्यकता को भी कम करता है। हालांकि विदेशी मुद्रा भंडार विनिमय दर की अस्थिरता को प्रबंधित करने में मदद करता है, लेकिन वह अर्थव्यवस्था पर एक लागत लगाता है। विदेशी मुद्रा पर निर्भरता कम करने से भारत बाहरी झटकों के प्रति कम संवेदनशील हो जाएगा। लिहाजा अमेरिका में मौद्रिक सख्ती के विभिन्न चरणों और डालर को मजबूत करने के दौरान घरेलू व्यापार की अत्यधिक देनदारियों के बावजूद अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ ही होगा। भारत का अपनी मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय उधार लेने में सक्षम होना भी इसके विशिष्ट लाभ में सम्मिलित है। भारत के दीर्घकालिक विकास के लिए इसके फर्मों को विदेशियों से स्वतंत्र उधार लेने में सक्षम होना जरूरी है, ताकि वे अपने व्यवसाय को वित्तपोषित कर सकें। फर्मों द्वारा रुपये में अंतरराष्ट्रीय उधार लेना विदेशी मुद्रा की तुलना में अधिक सुरक्षित होगा। यह राजस्व स्रोत (जो रुपया है) के मुद्रा मूल्यवर्ग और कंपनियों के ऋण (जो विदेशी मुद्रा है) के मुद्रा मूल्यवर्ग के बीच एक बेमेल के जोखिम को कम करेगा। ऐसे बेमेल जोखिम से अंततः फर्म दिवालियापन तक पहुंच सकते हैं। मुद्रा संकट की यह स्थिति थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसी अर्थव्यवस्था में देखी भी गई है। जब कोई मुद्रा पर्याप्त रूप से अंतरराष्ट्रीय हो जाती है तो उस देश के नागरिक और सरकार अपनी मुद्रा में कम ब्याज दरों पर विदेश में बड़ी मात्रा में उधार लेने में सक्षम हो जाते हैं। रुपये का व्यापक अंतरराष्ट्रीय उपयोग भारत के बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों को भी अधिक व्यवसाय प्रदान करेगा। रुपये में परिसंपत्तियों की अंतरराष्ट्रीय मांग घरेलू वित्तीय संस्थानों में व्यापार लाएगी, क्योंकि रुपये में भुगतान को अंततः भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा ही नियंत्रित किया जाएगा। रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण से देश की विशिष्ट आर्थिक प्रभाव में अभूतपूर्व वृद्धि हो जाएगी। जब विदेशी रुपये पर भरोसा करेंगे तो वे मुद्रा विनिमय के माध्यम और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में इसे रखने के लिए तैयार होंगे। जब कोई मुद्रा किसी अन्य देश के लिए आरक्षित मुद्रा बन जाती है तो मुद्रा जारी करने वाला देश इसे उसके पक्ष में विनिमय के लिए लीवरेज के रूप में उपयोग कर सकता है। रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण के प्रयास इस समय क्यों : भारत में रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण के प्रयास तब हो रहे हैं, जब डालर की तुलना में रुपया कमजोर हो रहा है। और रुपया को मजबूत करने के लिए आरबीआइ को भारी मात्रा में डालर की बिकवाली करनी पड़ रही है। ऐसे में आरबीआइ प्रयास कर रहा है कि जहां तक संभव हो अन्य वैसे देश जो इस समय विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में दबाव का सामना कर रहे हैं, उनसे निर्यात सेटलमेंट रुपये में हो। इस तरह के सुझाव एसबीआइ के रिसर्च में भी दी गई थी। एसबीआइ के इन सुझावों को आरबीआइ और केंद्रीय वित्त मंत्रालय क्रियान्वित करते हुए नजर आ रहे हैं। इससे पहले पिछली सदी के सातवें दशक में कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान जैसे खाड़ी देशों में रुपया स्वीकार किया गया था। तब भारत के पूर्वी यूरोप के साथ भी भुगतान समझौते थे। हालांकि 1965 के आपपास इन व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया था। इससे स्पष्ट है कि आरबीआइ के ये प्रयास सफल हो सकते हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के पूर्व 2019 तक भारत ईरान से रुपये में या अनाज तथा दवाओं जैसे महत्वपूर्ण उत्पादों के बदले तेल खरीदता रहा है। यूक्रेन संकट के दौरान खुद रूस ने ही भारत को स्थानीय करेंसी में व्यापार करने का आफर दिया था और भारत और रूस के बीच अभी जो पेट्रोलियम का व्यापार हो रहा है, वह चीन की करेंसी युआन के जरिये हो रहा है। लेकिन अब भारत खुद अपनी करेंसी में व्यापार कर सकता है। इस वित्त वर्ष 2022-23 में भारत द्वारा रूस से लगभग 36 अरब डालर का तेल खरीदे जाने की संभावना है। इससे स्पष्ट है कि भारत रूस को जो 36 अरब डालर देने वाला था, वह अब नहीं देना होगा। इसकी जगह भारत रूस को अपनी मुद्रा यानी रुपया में भुगतान करेगा। वहीं रूस को भारत में व्यापार के लिए भारतीय मुद्रा भंडार मिलेगा, जो अंततः भारतीय बांड के लिए स्वागतयोग्य मांग प्रदान करेगा।

किन देशों के साथ खुल सकते हैं दरवाजे

रूस के अलावा ईरान, अरब देश और यहां तक कि श्रीलंका जैसे देशों के लिए भी भारत के दरवाजे खुल सकते हैं। ईरान और रूस के खिलाफ व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं। लिहाजा अब वे दोनों आसानी से बिना प्रतिबंधों का उल्लंघन किए भारत के साथ तीव्र व्यापार रुपये में कर सकते हैं। वहीं श्रीलंका जैसे देश, जिनका डालर खत्म हो चुका है, उनके लिए भारत से रुपये में सामान खरीदना एक वरदान जैसा होगा। कुल मिलाकर भारत का उद्देश्य है कि 2047 तक रुपये को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में स्थापित करना। सरकार चाहती है कि जब देश आजादी की 100वीं वर्षगांठ Video surveys are provided to collect data for advertising campaign and product spots. Related Questions Asked in Houseplants What are some adaptations of a arctic poppy? To override the values that you set for the MQGet node properties to achieve a more dynamic way to process messages, include a Compute or JavaCompute node in your message flow before the MQGet node. It will then move westward and approach the Arabian peninsula. The size difference is especially important when I'm traveling to a job site. Shanty creek offers many different time slots and deals, so check the website for the one that best suits your needs. The earliest known occurrence of the term "InterCaps" on Usenet is in an April post to the group alt. They are typically made from synthetic hair extensions looped through your natural hair braided into cornrows. Please provide your Name, Email and Mobile Number to submit your requirement. He averaged as many as 31 points per game in the season and 12 rebounds per game in in only his third NBA season. Durant regained control of the company after one of the most dramatic proxy wars in U. Little do they know that, at that very moment, the Union soldiers are climbing out of an underground tunnel that has been dug under the Confederate position A marketing plan is not developed to solve a specific problem or accomplish a specific objective. Similarly, to triple the throughput performance requires both the AP and the client device to each support 3x, and to quadruple the throughput performance requires both the AP and the client device to each support 4x I know this is an old topic, but this solution doesn't work for everything. There are many great black female hosts so vote for everyone you love to watch. Despite the transformative success of the iPod, Fadell eventually left Apple. The largest increases are evident in northern England and southern Scotland, but across Britain and Ireland flood magnitudes have been increasing at a rate of about five per cent per decade since the s. I highly reccommend that if you are visiting Santiago to stay at Carolina's place. Students like Justin, a senior at CardinalHayes who is well on his way to a bright future. Normally, I drive everywhere mainly on flat streets for handiwork, but sometimes I drive in the country. I live in Florida where the the tiny ghost ants are very hard to get rid of and the giant Palmetto cockroaches are prevalent too. Look out for a great range of whisky and Skye ales to try too. Roast chicken recipes Recipes for roast chicken from all your favourite TV chefs. Just I have to complain a bit about revenues the contributors get. The modeling process and of the transformer heat flow has been presented. Tivemos uma estadia maravilhosa no apartamento da Claudia.