नई दिल्ली 24 नवम्बर।उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सम्बन्धी याचिका पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित कर लिया हैं।
पीठ ने चुनाव आयुक्त चुनने के लिए स्वतंत्र पैनल बनाने और प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष की कमेटी बनाने की मांग वाली याचिका पर आज फिर सुनवाई के दौरान चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए। आज जब मामले में दोबारा सुनवाई हुई तो केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल संविधान पीठ को सौंप दी।
मामले की सुनवाई कर रही पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी ने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए सवाल किया कि ऐसी कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई जिससे 24 घंटे के अंदर सारी जांच पड़ताल पूरी हो गई? साथ ही उन्होंने सुनवाई के बीच में नियुक्ति पर भी सवाल किए।पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति केएम जोसेफ कर रहे हैं।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल से सवाल किया कि जब चुनाव आयुक्त का पद बीती 15 मई से खाली पड़ा था तो सरकार ने अचानक इस पर नियुक्ति में इतनी जल्दबाजी क्यों की? अदालत ने कहा कि 24 घंटे से भी कम समय में नाम भेजने से लेकर मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी कर दी गई। 15 मई से 18 नवंबर के बीच क्या हुआ ?
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कोई भी गलत प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। इससे पहले भी एक दिन के भीतर नियुक्ति की गई है।उन्होंने कहा कि विधि और न्याय मंत्रालय ही संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाता है। नामों का चुनाव करते समय वरिष्ठता, रिटायरमेंट, उम्र आदि का भी ध्यान रखा जाता है।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India