जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद दरारों की दशहत बढ़ गई है। गुरुवार रात को छह और घरों में दरारें आ गईं। अब तक 580 घरों को भू-धंसाव से नुकसान पहुंच चुका है। चिंता की बात यह है कि, जमीन के दरकने का सिलसिला अब सैन्य छावनी क्षेत्र तक पहुंच गया है। जोशीमठ गया वैज्ञानिक दल कारणों के अध्ययन में जुट गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने नगर में एनडीआरएफ तैनात करने का आग्रह किया है।

बदरीनाथ मास्टर प्लान के काम में जुटी एजेंसियों को भी अगले आदेश तक जोशीमठ में तैनात रहने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि, सैन्य क्षेत्र की सड़क और सुरक्षा दीवारों पर दरारें आ गई हैं। कुछ स्थानों पर सड़क धंस भी गई है। सैन्य क्षेत्र के भवनों और रास्तों में भी कुछ दरारें आने लगी है। हालांकि, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि सेना की सड़क को नुकसान जरूर हुआ है।
लेकिन सैन्य क्षेत्र के अंदर आवासों में दरारें आने की सूचना अभी प्रशासन को नहीं मिली है। जोशीमठ, चीन बार्डर पर स्थित रिमखिम, नीती बार्डर, बाड़ाहोती की सुरक्षा के लिहाज से लिए बेहद अहम है। यहां बार्डर का अंतिम ब्रिगेड हेडक्वार्टर है। यहां बार्डर हाईवे, ब्रिगेड कैन्टीन, ब्रिगेड व्यू प्वाइंट, गढ़वाल स्काउट गेट के पास जमीन दरकने लगी है।
सैन्यकर्मी सिविल क्षेत्र से खाली कर रहे किराए के घर: सिविल क्षेत्र में किराए पर रहे सैन्यकर्मियों ने घर खाली करने शुरू कर दिए हैं। दो दिन के भीतर 15 सैन्यकर्मियों ने अपने किराए के घर खाली कर दिए हैं।
जोशीमठ में सर्वे के लिए 9 टीमों का किया गठन: जिला प्रशासन ने जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित भवन, होटल और अन्य संरचनाओं का मूल्यांकन और तकनीकी जांच के लिए विस्तृत सर्वे करने के लिए अधिकारियों और कार्मिकों की 9 टीमें गठित की हैं, जो प्रत्येक वार्ड में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के भवन, होटल के आकलन किए जा रहे हैं।
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