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राज्य का 1412 करोड़ का चौथा अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित

रायपुर 07 फरवरी।छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आज राज्य के 1412 करोड़ के चौथे अनुपूरक बजट को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने इससे पूर्व अनुपूरक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जिन गांवों,  वन क्षेत्रों और वनवासी बंधुओं को आजादी के बाद से अब तक अंधेरे में जीवन बिताना पड़ा, उनके यहां बिजली पहुंच रही है। उनके लिए इससे बड़े त्यौहार और इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है ? प्रधानमंत्री सहज बिजली-हर घर (सौभाग्य) योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-प्रधानमंत्री इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के आठ लाख से ज्यादा घरों में बिजली पहुंचा रहे हैं। इन घरों में रहने वाले परिवारों के लिए इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है ?

वित्त विभाग की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री ने सदन को चौथे अनुपूरक के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक आवास विहीन परिवारों को पक्का मकान दिलाने के लिए कुल आठ हजार 568 करोड़ रूपए की जरूरत होगी। इसमें पांच हजार 141 करोड़ रूपए केन्द्र का अंशदान और तीन हजार 427 करोड़ रूपए राज्यांश होगा। इस राशि से प्रदेश में वर्ष 2019 तक छह लाख 88 हजार ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवों में रहने वाले गरीबों को मकान उपलब्ध कराने के लिए पहली बार इतनी बड़ी राशि मिल रही है।आज पारित चौथे अनुपूरक में इस योजना के तहत 800 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत केन्द्र सरकार के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अगले पांच साल तक प्रदेश में आवास विहीन परिवारों और एक कमरे वाले, कच्ची छत और कच्ची दीवार वाले परिवार वालों में से ही हितग्राहियों का चयन किया जाएगा। ग्राम सभाओं के सत्यापन के बाद राज्य में इस योजना के लिए नौ लाख 93 हजार परिवारों को पात्र पाया गया है।

डॉ.सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार में इस योजना के क्रियान्वयन की ताकत है और हम इसे करके दिखाएंगे।उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के राज्य के मुख्य बजट में दो हजार 841 करोड़ रूपए और तीसरे अनुपूरक बजट में 384 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक दो लाख 43 हजार 500 परिवारों के मकानों का निर्माण पूरा हो गया है और एक लाख 81 हजार मकानों का निर्माण प्रगति पर है।

उन्होने सदन को यह भी बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत गांवों में 100 दिनों का रोजगार पूर्ण करने वाले हितग्राहियों को राज्य शासन द्वारा स्वयं के संसाधनों से 50 अतिरिक्त दिनों का रोजगार वर्ष 2013-14 से दिया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुख्य बजट में इस योजना के तहत एक हजार 202 करोड़ रूपए और तृतीय अनुपूरक में 85 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। इस राशि से अब तक ग्रामीणों को 828 लाख से ज्यादा मानव दिवस का रोजगार दिया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की 96 तहसीलों में इस वर्ष सूखे की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों की मांग के अनुसार उन्हें रोजगार देने के लिए इस योजना के तहत चौथे अनुपूरक बजट में 50 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री सहज बिजली-हर घर (सौभाग्य) योजना के तहत छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आठ लाख 38 हजार घरों में मार्च 2019 तक ग्रिड और ऑफ ग्रिड प्रणाली के जरिए बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इनमें से सात लाख 93 हजार घरों में ग्रिड के जरिए और 45 हजार घरों में ऑफ ग्रिड अर्थात सौर ऊर्जा प्रणाली से बिजली दी जाएगी।

डॉ.सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का उल्लेख करते हुए कहा-प्रधानमंत्री जब आठ लाख से ज्यादा घरों में बिजली पहुंचा रहे हैं, तो ऐसे परिवारों के लिए इससे बड़ा त्यौहार और इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है ? प्रधानमंत्री सहज बिजली-हर घर (सौभाग्य) योजना के लिए हमने चौथे अनुपूरक में 25 करोड़ रूपए की मांग की है। उन्होंने राज्य शासन द्वारा माह दिसम्बर 2017 में मनाए गए बिजली तिहार का भी उल्लेख किया।