नई दिल्ली 20 सितम्बर।कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करती है।
श्रीमती गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि भारतीय नारी का धैर्य समुद्र के समान है और वह नदी की तरह सबके कल्याण के लिए काम करती है। सरोजिनी नायडू, अरुणा आसफ अली, राजकुमारी अमृत कौर जैसी महान विभूतियों के योगदान की याद दिलाते हुए श्रीमती गांधी ने कहा कि महिलाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
श्रीमती गांधी ने मांग की कि जाति-जनगणना कराकर तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडे वर्गों के उप कोटे के साथ महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को देरी से लागू करना भारतीय महिलाओं के प्रति अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विधेयक के प्रभावकारी कार्यान्वयन के मार्ग में आने वाली सभी रुकावटें दूर करनी चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक एक बडा कदम है और इस सदन में सब इस बात पर सहमत हैं कि यह देश की महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम है। जाति आधारित जनगणना की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि विधेयक में अन्य पिछडा वर्ग को आरक्षण दिया जाना चाहिए और यह विधेयक तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
डीएमके की कनीमोझी करूणानिधि ने भी विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक भारतीय जनता पार्टी का चुनावी वादा है लेकिन इस विधेयक को लाने और पारित कराने के लिए कई नेताओं को उनसे आग्रह करना पडा। उन्होंने विधेयक के वास्तविक कार्यान्वयन को लेकर सवाल उठाये।
उन्होंने जनगणना नहीं कराये जाने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर परिसीमन, जनगणना के आधार पर होगा तो इससे दक्षिण राज्यों का प्रतिनिधित्व कम हो जायेगा। जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि विधेयक के अंतर्गत अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण देने का प्रावधान होना चाहिये। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जातिगत जनगणना का विरोध कर रही है।
वाई एस आर कांग्रेस, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ए आई एम आई एम तथा अन्य दलों के सदस्यों ने भी विधेयक पर अपने विचार रखे।