खुफिया एक जासूसी फिल्म है। विशाल भारद्वाज ने फिल्म का निर्देशन किया है। मकबूल और हैदर के बाद तब्बू एक बार फिर विशाल के निर्देशन में लौटी हैं। हालांकि विशाल के साथ उनकी यह चौथी फिल्म है। तलवार को विशाल ने प्रोड्यूस किया था। फिल्म की कहानी एक जासूस के इर्द-गिर्द है जिस पर गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप लगता है।
उपन्यासों के सिनेमाई रूपांतरण में फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज का नाम अग्रणी है। शेक्सपियर के नाटकों पर आधारित उनकी फिल्में ‘ओंकारा’, ‘मकबूल’ और ‘हैदर’ हिंदी सिनेमा की कालजयी फिल्मों में शामिल होती हैं।
अब उनकी फिल्म खुफिया अमर भूषण के उपन्यास ‘एस्केप टू नो वेयर’ पर आधारित है। सच्ची घटना पर आधारित इस उपन्यास का नायक केएम पुरुष है। हालांकि, विशाल का कहना है कि कोई पुरुष कलाकार इस भूमिका को निभाने को तैयार नहीं हुआ तो उन्होंने इसे महिला पात्र में परिवर्तित कर दिया।
‘तलवार’ के बाद ‘खुफिया’ सत्य घटना पर आधारित विशाल की दूसरी फिल्म है। यहां पर भी रहस्य और रोमांच को गढ़ने में वह कामयाब रहे हैं।
क्या है खुफिया की कहानी?
खुफिया 2004 में सेट है। भारत और पाकिस्तान बांग्लादेश में एक महत्वपूर्ण चुनाव पर गहरी नजर रख रहे हैं। भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर बातचीत चल रही है। इसमें अंकल सैम की भी दिलचस्पी है। शुरुआत में हम ढाका में जासूस आक्टोपस (अजमेरी हक) से परिचित होते हैं।