उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई टिहरी स्थित प्रताप इंटर कॉलेज बौराड़ी में आयोजित ‘बेटी-ब्वारयूं कु कौथिग’ में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने 415 करोड़ की 160 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान इन्वेस्टर्स समिट के दौरान टिहरी में हुए 3900 करोड़ के एमओयू में से 2400 करोड़ की ग्राउंडिंग का भी शुभारंभ किया।
धामी ने 201 करोड़ की 44 योजनाओं का लोकार्पण तथा 214 करोड़ की 116 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों हस्तशिल्प और हस्तकला प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने स्वयं जॉन्दरा चलाकर महिलाओं को प्रोत्साहित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान टिहरी में हुए 3900 करोड़ के एमओयू में से 2400 करोड़ की ग्राउंडिंग का भी शुभारंभ किया। उन्होंने जनपद में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सम्मानित कर स्कूली छात्र-छात्राओं को 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि बनाने की भी शपथ दिलाई। उन्होंने बेटी ब्वारयूँ कु कौथिग की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मातृशक्ति के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है, उत्तराखंड राज्य निर्माण में मातृशक्ति का योगदान अमूल्य है।
धामी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के कार्य उत्तराखंड में विकास के रूप में स्पष्ट नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र का विकास करना है उन्होंने कहा कि प्रदेशभर की महिला उद्यमियों ने पारंपरिक उत्पादों पर आधारित आकर्षक प्रदर्शनी तथा स्टॉल लगाकर ये बता दिया है कि प्रदेश के विकास में महिलाओं का योगदान किसी से भी कम नहीं है। श्री धामी ने कहा कि हमारा देश महिला विकास से आगे बढ़कर महिला नेतृत्व की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो काम देशभर में हो रहे हैं वे नए भारत की शानदार तस्वीर को प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि आज गांव-गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री नें कहा कि आज देश में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग आठ करोड़ बहनें जुड़ी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है, जिसका जीता जागता उदाहरण आज के कार्यक्रम में उनके द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की प्रदर्शनी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मातृशक्ति के सम्मान में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी योजना, नंदा गौरा मातृवंदना योजना और महिला पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं।