पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ और ‘एकात्म मानवतावाद’ जैसे सिद्धांत ही मोदी सरकार के गवर्नेंस मॉडल की प्रेरणा माने जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने देश को आगे ले जाने का रास्ता दिखाया। पीएम मोदी के अलावा भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के उनके परिजनों को ओर से शत-शत नमन। उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का मार्ग दिखाया, जो विकसित भारत के निर्माण में भी प्रेरणास्त्रोत बना है।’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय आरएसएस के पदाधिकारी थे और आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ और ‘एकात्म मानवतावाद’ जैसे सिद्धांत ही मोदी सरकार के गवर्नेंस मॉडल की प्रेरणा माने जाते हैं।
अमित शाह और जेपी नड्डा ने भी किया याद
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का निधन साल 1968 में हो गया था। पीएम मोदी के अलावा भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी दिग्गज नेता को याद किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि दीनदयाल उपाध्याय के मूल्य हमेशा पार्टी को दिशा देने वाले प्रकाश के समान रहेंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा कि ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन देश सेवा और समर्पण का उदाहरण है। उनका मानना था कि कोई भी देश अपनी संस्कृति के आधारभूत मूल्यों को नजरअंदाज कर तरक्की नहीं कर सकता।’
प्रधानमंत्री ने स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्मजयंती की दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती की भी शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि ‘आज देश स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्मजयंती मना रहा है। मैं आज स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्मस्थान तंकारा में मौजूद रहना चाहता था, लेकिन ये संभव नहीं हो सका। मैं मन से हृदय से आप सभी के बीच ही हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि स्वामी दयानंद सरस्वती की जन्मभूमि गुजरात में मेरा जन्म हुआ।’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘महर्षि दयानंद सरस्वती के क्षेत्र से प्राकृतिक खेती का संदेश पूरे देश के किसानों को मिले, इससे बेहतर और क्या होगा। महर्षि दयानंद ने अपने दौर में महिलाओं के अधिकारों और उनकी भागीदारी की बात की। कई नीतियों के जरिए और ईमानदार कोशिशों के जरिए देश अपनी बेटियों को बढ़ा रहा है। कुछ ही समय पहले सरकार ने लोकसभा और विधानसभा में महिला आरक्षण सुनिश्चित किया है।’
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