जोहानिसबर्ग 26 जुलाई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है।
श्री मोदी ने आज यहां 10वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों और नीतियों के आदान-प्रदान का आह्वान किया।उन्होंने बहुपक्षीय, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति में पूंजी की तुलना में प्रतिभा अधिक महत्वपूर्ण होगी। इससे औद्योगिक उत्पादन, डिजाइन और विनिर्माण के क्षेत्रों में मौलिक परिवर्तन आयेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का पूरा जोर समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा सुनिश्चित करने पर है।उन्होने कहा कि..नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन की शुरूआत की गई है इसका उद्देश्य हमारे युवाओं को रिलिवेंन्ट, टेक्निकल और वोकेशनल स्किल प्रदान करना है। हमारी सरकार का जोर यह सुनिश्चत करने पर है कि अफोर्डेबल और क्वालिटी, टेक्निकल, वोकेशनल, तथा उच्च शिक्षा तक महिलाओं, पुरूषों और समाज के सभी वर्गों की समान रूप से पहुंच हो..।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास के कार्यक्रमों में तेजी से बदलाव की आवश्यकता है।उन्होने कहा कि विकास और प्रगति के केन्द्र में हमेशा लोग और मानवीय मूल्य सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए टेक्नॉलोजी जगत में चौथी औद्योगिक क्रान्ति के उन परिणामों पर भी हमें गंभीर विचार करने की जरूरत है।
भारत के अलावा ब्रिक्स के चार राष्ट्रों- ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भाग ले रहे है।
श्री मोदी अफ्रीका के तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में कल शाम दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे। इससे पहले वे रवांडा और युगांडा की यात्रा कर चुके हैं।