पिछले कुछ सालों से बिहार में पेपर लीक के बहुत मामले सामने आए हैं। बिहार सरकार अब देश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने एवं करोड़ों के काले कारोबार पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाने जा रही है। आज यानि मंगलवार को बिहार विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन सरकार की तरफ से 6 विधेयक पेश किए जा सकते हैं, जिनमें से एक एंटी पेपर लीक बिल होगा। इसे राज्य सरकार की तरफ से बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण ) विधेयक 2024 नाम दिया गया है। पेपर लीक या इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने वाले इस कानून के तहत दोषी होंगे।
एंटी पेपर लीक बिल क्या है?
पेपर लीक बिल के मुताबिक, अगर कोई दोषी पाया जाता है कि तो उसे 10 साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना लगेगा। अगर कोई किसी और के नाम पर परीक्षा में बैठेगा तो उसे 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना लगेगा। अगर कोई संस्थान पेपर लीक या नकल में शामिल पाया जाता है कि तो उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी और परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा। अगर किसी अधिकारी की संलिप्तता पेपर लीक में पाई गई तो उसे 10 साल तक जेल हो सकती है और एक करोड़ तक जुर्माना भी लगेगा।
DSP रैंक के अधिकारी करेंगे पेपर लीक की जांच
बिल के मुताबिक, पेपर लीक की जांच डीएसपी या सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे। साथ ही प्रतियोगिता परीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर सरकार के पास अधिकार होगा कि वो पेपर लीक की जांच सीबीआई से करवा सकें।
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